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राहुल गांधी ने हाइड्रोजन बम नहीं, बल्कि 'गुब्बारा' फोड़ा है: संजय जायसवाल

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Patna, 18 सितंबर . BJP MP संजय जायसवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा.

उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी की प्रेसवार्ता से पहले यह कहा जा रहा था कि वो ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ेंगे. लेकिन, वो सही मायने में वो हाइड्रोजन बम नहीं था. शायद उन्होंने एचटीओ को एचटू समझ लिया. राहुल गांधी ने एचटू फोड़ा. लेकिन, आम लोगों के बीच में यह प्रचारित कर दिया कि उन्होंने एचटीओ फोड़ दिया है, जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने कोई बम नहीं फोड़ा, सिर्फ गुब्बारा फोड़ा है.

उन्होंने राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया और कहा कि एचटूओ का अर्थ पानी होता है. लेकिन, यह दुख की बात है कि हमारे Lok Sabha में विपक्ष के नेता को इस बात की जानकारी नहीं थी. खैर, हम भी कर क्या सकते हैं? अब बेचारे राहुल गांधी का पढा़ई-लिखाई में हाथ थोड़ा तंग है, तो इसलिए इस तरह की स्थिति उनके साथ पैदा हो जाती है.

उन्होंने राहुल गांधी के संबंध में कहा कि वो ठीक वैसी हरकत कर रहे हैं जैसे छोटे बच्चे कर रहे होते हैं. जिस तरह से छोटे बच्चे गुब्बारा फुलाते हैं, ठीक वैसे ही राहुल गांधी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरकत की है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो राहुल गांधी भाजपा पर मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगा रहे हैं. दूसरी तरफ, वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछने वाले लोगों को हिंदी में बोलने का सुझाव दे रहे हैं. आखिर हमारे जेहन में लगातार यही सवाल उठ रहा है कि राहुल गांधी की मानसिक स्थिति को क्या हो गया है. इसकी पूरी तस्वीर साफ होनी चाहिए.

BJP MP संजय जायसवाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि उनकी बातें समझ से परे हैं. एक तरफ जहां वो यह दावा करते नहीं थकते हैं कि भाजपा के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ, अद्भुत स्थिति देखिए, वो साक्षात्कार सूर्यकांत का कराते हैं. आखिर वो ऐसा करके क्या साबित करना चाहते हैं?

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस स्थिति से यह साफ जाहिर होता है कि जिस तरह से उन्होंने हरकत की है, वो करके उन्होंने कोई भी गैस नहीं छोड़ा है, बल्कि एक बच्चे के समान गुब्बारा फोड़ा है. दुर्भाग्य की बात है कि वो इस मामले में भी विफल साबित हुए हैं.

एसएचके/डीएससी

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