बेलगावी, 23 अगस्त . देश में गणेश उत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. 27 अगस्त से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी, जो 6 सितंबर तक चलेगा. कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा की सीमा से जुड़ा बेलगावी जिला गणेश उत्सव को बेहद धूमधाम से मनाने के लिए जाना जाता है. उत्सव को खास बनाती है वो परंपरा जो वर्षों से निभाई जा रही है. यहां ‘एक गांव, एक गणेश’ के सिद्धांत पर बप्पा को पूजा जाता है.
बेलगावी में भी पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तरह ही हर साल गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. बेलगावी शहर की हर गली, हर घर में, सार्वजनिक और निजी तौर पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, लेकिन इसी जिले में खानापुर तालुका में नंदगढ़ गांव है, जहां सिर्फ एक ही गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है. खास बात है कि इसमें सिर्फ हिंदू नहीं, बल्कि दूसरे समुदाय के लोग भी गणेश उत्सव मनाते हैं.
साल 1944 से हर वर्ष एक ही सार्वजनिक गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है. इस गांव ने यह साबित कर दिया है कि हिंदू और मुस्लिम एकता में ही शक्ति है, और पूरे गांव के लिए एक ही गणेश प्रतिमा स्थापित कर एकता की अनूठी मिसाल पेश की है.
11 दिनों तक, गांव के सभी लोग एक साथ मिलकर पूजा और ‘गणेश पूजा’ करते हैं. हर दिन एक सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है. सभी जातियों और समुदायों के लोग मिलकर गणेश उत्सव मनाते हैं और 11वें दिन विसर्जन करते हैं.
गणेश समिति के एक सदस्य ने से बात करते हुए कहा, “हम कई साल से ‘एक गांव, एक गणेश’ का संदेश दे रहे हैं ताकि सबको यह महसूस हो कि हम एक हैं. इससे गांव की एकता भी मजबूत होती है और फिजूलखर्ची से भी बचा जा सकता है. पूरे गांव के लिए एक ही गणेश प्रतिमा की स्थापना एक बेहतरीन परंपरा है.”
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डीसीएच/केआर
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