मुंबई, 24 मई . मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वाला एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. आर्थर रोड जेल में ड्रग्स मामले में बंद एक कैदी इमरान खान कोर्ट परिसर से फरार होकर सीधे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित मटकर के कार्यालय पहुंचा और उन्हें धमकी दी. इस घटना ने मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
यह घटना 16 मई को घटी, जब इमरान खान को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. सुनवाई के बाद उसे पुलिस कस्टडी में जेल वापस ले जाया जाना था, लेकिन वह बिना किसी निगरानी के कोर्ट परिसर से फरार हो गया.
नकाब पहनकर अपने एक दोस्त की बाइक पर सवार होकर वह भायखल के सात रास्ता इलाके में स्थित मनसे कार्यालय पहुंचा. वहां उसने मनसे नेता अमित मटकर को धमकाते हुए कहा, “इधर क्यों बैठा है? बैठने का नहीं. नहीं तो समझ जा, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो.” यह पूरी घटना कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई.
अमित मटकर ने तुरंत नजदीकी आग्रिपाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई और सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंपे. पुलिस ने इमरान खान और उसके साथी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इमरान को मुंबई क्राइम ब्रांच ने दिसंबर 2024 में 40 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में था.
इस घटना के बाद मुंबई पुलिस पर लापरवाही और मिलीभगत के गंभीर आरोप लग रहे हैं. कोर्ट परिसर जैसे संवेदनशील स्थान से कैदी के फरार होने ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ड्यूटी पर मौजूद दो कॉन्स्टेबलों अमोल सरकाले और संदीप सूर्यवंशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. साथ ही एक डीसीपी स्तर के अधिकारी को इस मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
जांच के नतीजे और इमरान की फरारी के पीछे की साजिश का खुलासा होने पर ही इस मामले की पूरी तस्वीर स्पष्ट होगी. फिलहाल पुलिस ने इमरान की तलाश तेज कर दी है और अन्य संदिग्धों से पूछताछ जारी है.
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एकेएस/एकेजे
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