By Jitendra Jangid- दोस्तो भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) का पद बहुत ही अहम भूमिका वाला होता हैं, क्योंकि एसडीएम को ज़िला मजिस्ट्रेट (डीएम) के बाद ज़िले का दूसरा सबसे शक्तिशाली अधिकारी माना जाता है। यह पद महत्वपूर्ण अधिकार और ज़िम्मेदारी रखता है, लेकिन अक्सर लोगो के मन में इनके अधिकार, कर्तव्य और सैलरी जानने की उत्सुकता रहती है, आइए जाने आपके सवालों के जवाब-

एक एसडीएम की भूमिका
एसडीएम ज़िले के किसी उप-विभाग में प्रशासनिक कार्यों को संभालने के लिए ज़िम्मेदार होता है।
वे राजस्व संग्रह, कानून प्रवर्तन, आपदा प्रबंधन और विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं की देखरेख करते हैं।
एसडीएम कई कानूनों के तहत न्यायिक कार्य भी करता है और सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करता है।
एसडीएम वेतन संरचना
एसडीएम की नियुक्ति ₹9,300-₹34,800 के वेतन बैंड के तहत की जाती है।
उन्हें ₹5,400 का ग्रेड पे मिलता है।
एक एसडीएम का शुरुआती वेतन लगभग ₹56,100 प्रति माह होता है।
अनुभव और पदोन्नति के साथ, वेतन ₹1.77 लाख प्रति माह तक जा सकता है।
भत्ते और सुविधाएँ
मूल वेतन के अलावा, एसडीएम को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली कई सुविधाएँ मिलती हैं, जिनमें शामिल हैं:

सरकारी आवास
सुरक्षा कर्मी
घरेलू कर्मचारी (नौकर)
स्वास्थ्य बीमा कवरेज
टेलीफोन और इंटरनेट भत्ता
यात्रा और परिवहन भत्ते
ये सुविधाएँ डीएम को मिलने वाली सुविधाओं के लगभग बराबर हैं, जिससे एसडीएम का पद प्रशासनिक पदानुक्रम में अत्यधिक सम्मानजनक और वांछनीय हो जाता है।
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