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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलेगा पाकिस्तान का भाग्य, जानें क्या कहती है PAK की कुंडली?

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के ज़रिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, तो यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी—बल्कि इसके पीछे खगोलीय घटनाओं का गहरा संकेत भी छिपा था। लखनऊ के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्रा का मानना है कि यह अभियान पाकिस्तान के भविष्य में आने वाले भारी राजनीतिक और सामाजिक बदलावों की शुरुआत मात्र है।

भारतीय सेना ने 15 दिनों की रणनीतिक तैयारी के बाद पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले को केवल जवाबी हमला मानना एक भूल होगी, क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों की चाल बता रही है कि यह एक बड़े भू-राजनीतिक फेरबदल की भूमिका है।


पाकिस्तान की कुंडली पर मंडरा रहा है संकट

14 अगस्त 1947 को आधी रात को बने पाकिस्तान की कुंडली के अनुसार, वर्तमान समय उसके लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। वृषभ राशि में स्थित चंद्रमा पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है, जिससे देश की मानसिक स्थिति और राजनीतिक नेतृत्व पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसके अलावा शुक्र की अंतर्दशा और चंद्रमा की महादशा का संयोग भी बन रहा है, जो देश को अंदरूनी अस्थिरता और विदेशी दबाव के जाल में उलझा सकता है।


ज्योतिषाचार्य मिश्रा के अनुसार, यह समय पाकिस्तान के लिए सत्ता परिवर्तन, गृह संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय दवाब की संभावना को बल देता है।

14 मई के बाद शुरू हो सकता है विभाजन का दौर


ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, 14 मई को जब गुरु मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, तब पाकिस्तान की कुंडली में "अंग-भंग योग" सक्रिय हो जाएगा। यह योग किसी देश के टूटने या आंतरिक विभाजन की चेतावनी देता है। इसका प्रभाव देश के भीतर अलगाववादी ताकतों को प्रोत्साहन दे सकता है और प्रांतीय असंतोष को और भड़का सकता है।

खप्पड़ योग की चेतावनी – युद्ध या सत्ता पलट का संकेत?

जल्द ही पाकिस्तान की कुंडली में एक और गंभीर योग सक्रिय होने जा रहा है, जिसे ज्योतिष में "खप्पड़ योग" कहा जाता है। यह योग चंद्रमा, शनि और राहु की विशिष्ट युति से बनता है और इसके प्रभाव से बड़े युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल, और सामाजिक विद्रोह जैसी घटनाएं जन्म ले सकती हैं।

यदि पाकिस्तान की सत्ता व्यवस्था समय रहते इन ग्रहों के प्रभावों को संतुलित करने में विफल रहती है, तो देश एक गहरे संकट की ओर बढ़ सकता है। भारत और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में तनाव और टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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