भारत सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें खासतौर पर सेंधा नमक (हिमालयन पिंक सॉल्ट) भी शामिल है। यह नमक भारत के लाखों घरों में व्रत, धार्मिक अनुष्ठानों और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों में प्रमुखता से उपयोग किया जाता है। भारत हर वर्ष पाकिस्तान से लगभग 2,500 से 3,000 टन सेंधा नमक आयात करता था। वर्ष 2018-19 की बात करें तो भारत द्वारा आयात किए गए कुल सेंधा नमक का लगभग 99% हिस्सा पाकिस्तान से ही आया था। अब जब यह आयात बंद हो चुका है, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि इस आवश्यक वस्तु की आपूर्ति अब भारत कैसे सुनिश्चित करेगा। हर भारतीय घर में उपयोग होने वाला सेंधा नमक अब भारत कहां से मंगवाएगा?
भारत की सेंधा नमक पर पाकिस्तान पर निर्भरता
हालांकि भारत ने 2019 के बाद से पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता धीरे-धीरे कम करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, लेकिन वर्तमान में भी कुल आयात का लगभग 99.7% हिस्सा पाकिस्तान से ही आता है। भारत के कुछ शहरों—दिल्ली, मुंबई, कोच्चि और हैदराबाद—में घरेलू प्रोसेसिंग यूनिट्स मौजूद हैं जो स्थानीय स्तर पर कुछ हद तक मांग को पूरा करती हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
किन देशों से पूरा होगा सेंधा नमक की कमी का अंतर?
अब भारत के सामने विकल्प यह है कि वह सेंधा नमक के लिए ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर रुख करे। इन देशों में भी उच्च गुणवत्ता वाला सेंधा नमक उपलब्ध है, जो भारतीय बाजार की मांग को पूरा कर सकता है। हालांकि, इन देशों से आयात की लागत पहले से अधिक हो सकती है, जिसका असर उपभोक्ता कीमतों पर पड़ सकता है। भारत में राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी सेंधा नमक के भंडार पाए जाते हैं। सरकार यदि इन क्षेत्रों में खनन को बढ़ावा देती है, तो भविष्य में घरेलू उत्पादन को बढ़ाकर आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है। लेकिन यह प्रक्रिया लंबी अवधि की है और इसके लिए भारी निवेश तथा नियामकीय प्रयासों की आवश्यकता होगी।
क्या होगा आम लोगों पर असर?
संभावना यह है कि निकट भविष्य में सेंधा नमक की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा सकती है, लेकिन सरकार द्वारा लिए गए वैकल्पिक कदमों और उद्योग जगत के सहयोग से यह कीमतें समय के साथ स्थिर हो सकती हैं। सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आम उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। पाकिस्तान से आयात बंद होने के बावजूद, भारत के पास कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जिनकी मदद से सेंधा नमक की आपूर्ति बनाए रखी जा सकती है।
You may also like
भागलपुर विधानसभा जदयू की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा हुए शामिल
थानेदार ने नही सुनी महिला की शिकायत,लोक शिकायत निवारण ने थानाध्यक्ष पर लगाया जुर्माना
अधिकार सेना पार्टी की जिला कमेटी गठित, बुंदेल बने अध्यक्ष
अपराध और अपराध ट्रैकिंग नैटवर्क सिस्टम रैंकिंग में सिरमौर पुलिस प्रदेश में प्रथम
लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ काम कर रही है केन्द्र सरकार : वाेहरा