महात्मा गांधी की जयंती पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे विजयघाट भी गए, जहां उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बापू के विचारों और सिद्धांतों ने न केवल भारत बल्कि पूरी मानव सभ्यता की दिशा बदल दी।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा संदेश में पीएम मोदी ने लिखा— “गांधी जयंती, महात्मा गांधी के असाधारण जीवन और उनके शाश्वत आदर्शों को याद करने का अवसर है। उन्होंने दिखाया कि सत्य, साहस और सादगी के बल पर समाज में गहरे बदलाव संभव हैं। सेवा और करुणा को उन्होंने जनशक्ति का सबसे बड़ा माध्यम माना। हम विकसित भारत के निर्माण में उनके बताए मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ेंगे।”
विशेष कार्यक्रम
महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने घोषणा की कि 2 अक्टूबर को देशभर के एक लाख से अधिक आदिवासी बहुल गांवों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित होंगी। इन सभाओं में ‘जनजातीय ग्राम विजन 2030’ को औपचारिक रूप से अपनाया जाएगा, ताकि ग्रामीण समुदाय अपने विकास की योजना खुद तय कर सकें।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने बताया कि विजन घोषणापत्र पारित होने से आदिवासी समाज को अपने भविष्य का सह-निर्माता बनने का अधिकार मिलेगा। उनके अनुसार, यह पहल ‘विकसित भारत ऐट 2047’ के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
आदि सेवा पर्व
उल्लेखनीय है कि ‘आदि सेवा पर्व’ की शुरुआत 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के धार जिले से की थी। यह पर्व, ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का हिस्सा है, जिसका समापन गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को होगा। इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी समुदायों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रेरित करना है।
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