JKSSB आवेदन शुल्क: जम्मू और कश्मीर में नायब तहसीलदार की भर्ती प्रक्रिया फिर से चर्चा में है। इस बार यह चर्चा अनिवार्य उर्दू के कारण नहीं, बल्कि भर्ती बोर्ड की आय के कारण हो रही है। जम्मू और कश्मीर में 75 नायब तहसीलदारों की भर्ती की जा रही है। इस संबंध में, जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) ने आवेदन आमंत्रित किए हैं। बोर्ड ने आवेदकों से 6 करोड़ से अधिक की आय अर्जित की है।
आवेदन की संख्या और शुल्क
एक लाख से अधिक आवेदन:
JKSSB ने 9 जून को 75 नायब तहसीलदार पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चयन बोर्ड को इन 75 पदों के लिए एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। चयन बोर्ड ने प्राप्त आवेदनों से 6 करोड़ 43 लाख रुपये की आय अर्जित की है।
आवेदन शुल्क की जानकारी:
यह मामला तब सामने आया जब एक RTI कार्यकर्ता, रमन कुमार शर्मा ने इस बारे में जानकारी मांगी। स्पष्ट किया गया है कि इन 75 पदों के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से 600 रुपये और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों से 500 रुपये शुल्क लिया गया।
उर्दू की शर्त पर विवाद
भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है:
बोर्ड ने 9 जून को 75 नायब तहसीलदार पदों के लिए आवेदन मांगे थे। लेकिन भर्ती प्रक्रिया में एक शर्त को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके बाद इसे रोक दिया गया। वास्तव में, भर्ती के लिए उर्दू भाषा का ज्ञान आवश्यक था। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने इस उर्दू की शर्त पर रोक लगा दी, जिसके बाद बोर्ड को भर्ती रोकनी पड़ी। अब उन उम्मीदवारों की स्थिति अनिश्चित है जिन्होंने इतनी मेहनत से आवेदन किया था।
राजनीतिक विवाद:
उर्दू की शर्त को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। बीजेपी ने इस शर्त का कड़ा विरोध किया है। बीजेपी का कहना है कि यह जम्मू के लोगों के प्रति भेदभाव है, जहां उनकी पार्टी ने पिछले चुनाव में 29 सीटें जीती थीं।
वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड स्वतंत्रता से पहले से उर्दू में हैं। यदि कर्मचारी उर्दू नहीं जानता है, तो वह कैसे काम करेगा? जो अधिकारी उर्दू नहीं जानते थे, उन्हें बाद में इस भाषा को सीखने का समय दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने CAT के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका अब राजनीति से प्रभावित हो रही है। उर्दू कई दशकों से आधिकारिक भाषा रही है, और अब इसे अनावश्यक रूप से साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है। नायब तहसीलदार के लिए उर्दू का ज्ञान आवश्यक है, क्योंकि इस पद पर काम करने के लिए यह प्रशासनिक रूप से आवश्यक है।
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