उत्तर प्रदेश के नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड मामले में मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के कोली और पंढेर को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा।
सर्वोच्च अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 16 अक्टूबर 2023 को सुनाए गए फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कोली को 12 मामलों और पंढेर को 2 मामलों में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराया है। फिलहाल अदालत ने पंढेर को पूरी तरह से बरी कर दिया है, जबकि कोली एक लंबित मामले में जेल में है।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2023 में मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में बरी किया था। बलात्कार और हत्या के दोषी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को सबूतों के अभाव में बरी किया गया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद निठारी कांड का आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर जेल से रिहा हो गया था।
7 मई 2006 को निठारी की एक युवती को पंढेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती वापस घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया। इसके बाद 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। बाद में निठारी कांड से संबंधित सभी मामले सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए गए थे।
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