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डॉक्टरों की मानें तो रोज़ खाएं ये सस्ता सुपरफूड – अंकुरित दालें

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तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में अक्सर हम अपने शरीर की ज़रूरतों को नजरअंदाज़ कर देते हैं। बाज़ार के पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स से जहां शरीर को तात्कालिक ऊर्जा मिलती है, वहीं लंबे समय में ये हृदय सहित अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ लगातार प्रकृति के करीब लौटने और देसी खाद्य परंपराओं को अपनाने की सलाह दे रहे हैं।

ऐसा ही एक पारंपरिक लेकिन बेहद प्रभावशाली आहार है – अंकुरित फूड्स।
यह न केवल पाचन को दुरुस्त करता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल कम करने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने और दिल को स्वस्थ रखने में भी अत्यंत सहायक होता है।

क्या होते हैं अंकुरित फूड्स?

अंकुरित फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हें रातभर भिगोकर रखा जाता है और फिर कुछ घंटों या एक-दो दिन तक भीगने के बाद इनमें छोटे-छोटे अंकुर (sprouts) निकल आते हैं। जैसे – मूंग, चना, मोठ, गेहूं, मेथी आदि।

जब कोई दाल या बीज अंकुरित होता है, तो उसमें मौजूद पोषक तत्व सक्रिय हो जाते हैं और उसका पोषण मूल्य कई गुना बढ़ जाता है।

हार्ट स्पेशलिस्ट क्या कहते हैं?

दिल के रोगों के विशेषज्ञ बताते हैं,

“अंकुरित फूड्स में फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये तत्व शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।”

वे यह भी बताते हैं कि अंकुरित फूड्स में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स ब्लड वेसल्स को लचीला रखते हैं, जिससे हृदय में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम घटता है।

अंकुरित आहार के प्रमुख फायदे:

कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण: फाइबर की अधिकता से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

ब्लड प्रेशर में सहायक: पोटैशियम युक्त अंकुरित दालें रक्तचाप को संतुलित करती हैं।

पाचन में सुधार: एंजाइम्स और फाइबर पाचन तंत्र को सक्रिय रखते हैं।

वजन नियंत्रण: उच्च फाइबर और प्रोटीन लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे ओवरईटिंग नहीं होती।

ब्लड शुगर में मददगार: लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज़ मरीजों के लिए भी उपयुक्त।

कैसे और कब करें सेवन?

विशेषज्ञ सुबह के नाश्ते में अंकुरित फूड्स को शामिल करने की सलाह देते हैं। इन्हें कच्चा, उबला या हल्का भूनकर खाया जा सकता है। इसमें नींबू, टमाटर, प्याज़, हरी मिर्च और धनिया मिलाकर इसका स्वाद और पोषण दोनों बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि, कच्चा सेवन करते समय सफाई और ताजगी का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि बैक्टीरियल संक्रमण से बचा जा सके।

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