अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के वैश्विक आर्थिक युद्ध के बीच बुधवार को भारतीय इकॉनमी के लिए कुछ अच्छी खबरें आईं। पहली खबर यह कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की। इसके साथ ही उसने अपना ध्यान ग्रोथ तेज करने पर लगाया है। ग्रोथ पर ध्यान: रिजर्व बैंक ने पॉलिसी स्टैंड को ‘न्यूट्रल’ की जगह ‘अकोमोडिटिव’ कर दिया है। इससे आने वाले वक्त में भी ब्याज दरों में कमी किए जाने की संभावना बनी है। जानकारों का मानना है कि ब्याज दरों में इस साल और आधा फीसदी की कटौती की जा सकती है। सामान्य मॉनसून: दूसरी अच्छी खबर प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने दी। उसने कहा कि इस साल भी मॉनसून सीजन में बारिश सामान्य से अधिक रहेगी। पिछले साल भी मॉनसूनी बारिश सामान्य से अच्छी हुई थी। मॉनसून के सामान्य रहने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। साथ ही, इससे रूरल डिमांड भी बढ़ेगी। इससे पहले ऐसी खबरें आई हैं कि अर्बन डिमांड (शहरी इलाकों में खपत) में भी सुधार हो रहा है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। ग्रोथ तेज होगी: हालांकि, इस वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के अनुमान को रिजर्व बैंक ने 6.7% से कम करके 6.5% किया है। पिछली कुछ तिमाहियों में आर्थिक विकास में सुस्ती दिखी थी। उसकी वजह यह थी कि पिछले साल लोकसभा चुनाव हुए और कुछ महीनों तक चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी खर्च अपेक्षित नहीं रहा। इधर, सरकार ने खर्च बढ़ाया है, जिसका सकारात्मक असर आने वाले वक्त में दिखेगा। तेल सस्ता हुआ: भारतीय इकॉनमी के लिए एक और अच्छी खबर कच्चे तेल के दाम में आई कमी है। ब्रेंट क्रूड का भाव 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहा है, जिससे महंगाई दर को काबू करने में मदद मिलेगी। असल में, भारत अपनी जरूरत का दो तिहाई से भी अधिक कच्चा तेल आयात करता है। इसलिए इसमें कमी आने से विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी, जिससे करंसी को सहारा मिलेगा। महंगाई में गिरावट: वहीं, रिजर्व बैंक ने भी कहा कि इस वित्त वर्ष में महंगाई दर 4% रह सकती है, जो उसके लक्ष्य के मुताबिक है। महंगाई दर कम रहने से आने वाले वक्त में रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में और कटौती करना आसान होगा। डिमांड बढ़ने की आस: उम्मीद है कि दरों में कमी आने पर लोग हाथ खोलकर खर्च करेंगे। ऐसे में अगर डिमांड में रिकवरी होती है तो कंपनियां भी निवेश की पहल करेंगी। बजट में भी केंद्र सरकार ने न्यू टैक्स रेजीम में 12 लाख की आय पर इनकम टैक्स शून्य कर दिया है। इससे भी डिमांड को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, नए वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने से भी खपत में बढ़ोतरी की आशा है। इसलिए ऐसे समय में जब ट्रंप के आर्थिक युद्ध ने अनिश्चितता बढ़ा दी है, इन खबरों से लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा।
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