आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को पाकिस्तान दो देशों की जंग का रूप देने पर तुला है। 7 मई की रात के बाद 8 मई देर शाम को पाकिस्तान ने भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जिसे भारतीय डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। भारत का रुख स्पष्ट और सही है कि क्षेत्र में तनाव नहीं बढ़ना चाहिए, लेकिन अगर पड़ोसी देश ने कोई हरकत की, तो उसका माकूल जवाब दिया जाएगा। जरूरी कदम: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। भारत की प्रतिक्रिया फोकस्ड, संतुलित और गैर-उकसावे वाली थी। लेकिन, पाकिस्तान ने इसके जवाब में पहले तो 7 मई को देर रात और 8 मई देर शाम भारत के कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। उसने LoC पर गोलाबारी बढ़ा दी और मासूम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। भारत का लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करना और उसके दूसरे कदम पाकिस्तान को उसकी करतूतों का जवाब हैं, जो कि जरूरी हो गया था। आतंकियों से नाता: पाकिस्तान का यह आरोप बेबुनियाद है कि तनाव की शुरुआत भारत ने की। एस्केलेशन पहलगाम आतंकी हमले से शुरू हुआ था और भारतीय सेना ने उसके बाद आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया। भारत ने पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को अभी तक निशाना नहीं बनाया है। नापाक इरादे: दरअसल, आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान लंबे अरसे से दुनिया को गुमराह करता आया है। ताजा मामले में भी वह झूठ फैला रहा है कि भारत की स्ट्राइक उसके धार्मिक स्थलों पर हुई और इसमें आतंकी नहीं, आम नागरिक मारे गए हैं। यह झूठ दरअसल उसी साजिश का हिस्सा है, जिसके तहत आतंकियों ने टारगेटेड किलिंग करके हिंदुस्तान में सांप्रदायिक तनाव फैलाने का प्रयास किया था। सच्चाई तो यह है कि धर्म को आतंक से पाकिस्तान ने मिलाया है। उसने धार्मिक स्थलों की पवित्रता का भी ख्याल नहीं रखा और अपने नापाक मंसूबों के लिए उनका इस्तेमाल किया। भारत का लक्ष्य तय: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत का पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर देश पर सैन्य हमले होते हैं, तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। भारत पहले भी यह बात कह चुका है। इससे जाहिर होता है कि वह अपने लक्ष्य को लेकर फोकस्ड है यानी आतंकवाद का खात्मा। उसका मकसद युद्ध नहीं है।
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