जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर, झालावाड़ समेत कई जिलों में शनिवार शाम अचानक हवाई हमले के सायरन गूंजे और ब्लैकआउट हो गया। यह सब 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत किया गया एक पूर्व नियोजित मॉक ड्रिल था। जैसे ही सायरन बजे, पूरे इलाके में लाइटें बंद कर दी गईं और वातावरण युद्ध जैसी स्थिति का अनुभव कराने वाला हो गया।
ड्रोन हमलों की तैयारी के लिए बाड़मेर और श्रीगंगानगर में अभ्यास
बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयर फोर्स स्टेशन के पास स्थित केंद्रीय विद्यालय में ड्रोन हमले से बचाव के लिए मॉक ड्रिल किया गया। वहीं, श्रीगंगानगर में भी ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल की गई। शाम 5 बजे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) परिसर में ड्रोन हमले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई, जिस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सिविल डिफेंस, पुलिस और होमगार्ड की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
जयपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन का रियल-टाइम अभ्यास
जयपुर के खातीपुरा क्षेत्र के एक स्कूल में हवाई हमले से निपटने की मॉक ड्रिल की गई। इसमें नागरिक सुरक्षा बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों ने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने, आपात नियमों का पालन करने और त्वरित बचाव कार्य जैसे महत्वपूर्ण कदमों का अभ्यास किया। यह अभ्यास स्थानीय लोगों को आपात स्थिति में सतर्क और तैयार रहने का संदेश देने के लिए किया गया।
जैसलमेर में 15 मिनट का ब्लैकआउट, सीमावर्ती क्षेत्र में सतर्कता
पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित जैसलमेर में भी रात 8:30 बजे से 8:45 बजे तक ब्लैकआउट रहा। जैसे ही सायरन बजा, पूरे शहर में अंधेरा छा गया। यह अभ्यास विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की तैयारियों को परखने और आम नागरिकों को ऐसे हालात में जागरूक करने के लिए किया गया।
सुरक्षा जागरूकता ही उद्देश्य, डराने का नहीं
इन सभी अभ्यासों का उद्देश्य नागरिकों को हवाई और ड्रोन हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक मॉक ड्रिल थी और इसका मकसद लोगों को डराना नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था।
ड्रोन हमलों की तैयारी के लिए बाड़मेर और श्रीगंगानगर में अभ्यास
बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयर फोर्स स्टेशन के पास स्थित केंद्रीय विद्यालय में ड्रोन हमले से बचाव के लिए मॉक ड्रिल किया गया। वहीं, श्रीगंगानगर में भी ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल की गई। शाम 5 बजे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) परिसर में ड्रोन हमले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई, जिस पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सिविल डिफेंस, पुलिस और होमगार्ड की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
जयपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन का रियल-टाइम अभ्यास
जयपुर के खातीपुरा क्षेत्र के एक स्कूल में हवाई हमले से निपटने की मॉक ड्रिल की गई। इसमें नागरिक सुरक्षा बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों ने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने, आपात नियमों का पालन करने और त्वरित बचाव कार्य जैसे महत्वपूर्ण कदमों का अभ्यास किया। यह अभ्यास स्थानीय लोगों को आपात स्थिति में सतर्क और तैयार रहने का संदेश देने के लिए किया गया।
#WATCH | Rajasthan | Blackout mock drill carried out in Jaipur under Operation Shield.
— ANI (@ANI) May 31, 2025
Sirens were also played as part of the mock drill pic.twitter.com/kIHc312I0o
जैसलमेर में 15 मिनट का ब्लैकआउट, सीमावर्ती क्षेत्र में सतर्कता
पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित जैसलमेर में भी रात 8:30 बजे से 8:45 बजे तक ब्लैकआउट रहा। जैसे ही सायरन बजा, पूरे शहर में अंधेरा छा गया। यह अभ्यास विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की तैयारियों को परखने और आम नागरिकों को ऐसे हालात में जागरूक करने के लिए किया गया।
सुरक्षा जागरूकता ही उद्देश्य, डराने का नहीं
इन सभी अभ्यासों का उद्देश्य नागरिकों को हवाई और ड्रोन हमलों जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करना था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक मॉक ड्रिल थी और इसका मकसद लोगों को डराना नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था।
You may also like
भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौते पर जल्द हो सकते हैं हस्ताक्षर : पीयूष गोयल
पंजाब के गेंदबाजी कोच होप्स ने कप्तान अय्यर की शानदार पारी को सराहा
पोलैंड के राष्ट्रपति चुनाव में करोल नवरोकी की जीत
गर्मियों में पासपोर्ट आवेदकों के लिए खुशखबरी, साहिबाबाद पासपोर्ट सेवा केंद्र में 7 और 14 जून को विशेष अभियान
बंगाल पुलिस वही भुगत रही है, जिसकी वह हकदार है : अर्जुन सिंह