हम अमन चाहते हैं , मगर जुल्म के खिलाफ गर जंग लाजमी है तो फिर जंग ही सही। साहिर लुधियानवी की पंक्तियां आज के वक्त में बिल्कुल मौजू नजर आती हैं। मौजूदा समय में यहां जुल्म की जगह आतंकवाद ने ली है। यह आतंक कोई और नहीं बल्कि हमारा पड़ोसी पाकिस्तान ही फैला रहा है। आज ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पड़ोसी को उस भाषा में जवाब भी मिला है जिसका वह आसानी से समझ लेता है। ऑपरेशन सिंदूर ने पहलगाम हमले के खिलाफ भारत का शौर्य और हमारी सेना की वीरता को दिखा दिया। मैं अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। यही मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। मेरे पति आज जहां भी होंगे, उन्हें शांति मिलेगी। मेरे पूरे परिवार को उन पर भरोसा था और जिस तरह से उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उसने हमारे भरोसे को कायम रखा है। ये महज शब्द नहीं है बल्कि भावनाएं है पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी की। शुभम के पत्नी जैसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने आतंकियों के हाथों अपना सुहाग और खुशी को गंवाया हैं। आज ऐसी माताओं-बहनों और पत्नियों को कलेजे को सुकून मिला होगा। ये पहलगाम हमले का न्याय है। पहलगाम का बदला पूरा हो गया है। बर्बरता का यही अंजाम होना थाआतंकियों ने हमारी महिलाओं की मांग का सिंदूर उजाड़ा था। पहलगाम हमले के बाद के दिनों में, अपने पति के मृत शरीर के पास लेटी हुई एक महिला की तस्वीर वायरल हो गई, जो हमले के पीड़ितों द्वारा सहन किए गए दर्द और हृदय विदारक पीड़ा का प्रतीक बन गई थी। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर से ही आतंकियों को जवाब मिल गया। हमारी मां-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वाले आतंक मिट्टी में मिल गए। उन्होंने वह अंजाम भुगता जिसके वह हकदार थे। पहलगाम में धर्म पूछकर आतंकियों ने हमारी बहन-बेटियों का का सिंदूर उजाड़ा गया था। आतंकियों ने जो बर्बरता की ऐसे में उनका यही हाल होना था। भारत ने उसकी सजा दी है। सरकार की तरफ से पहले ही हमले का बदले का आश्वासन दिया गया था।
पीएम मोदी ने दिया नाम ऑपरेशन सिंदूर!मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर का नाम पीएम मोदी ने दिया था। हालांकि, इस बात की आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद पाकिस्तान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान के लिए भारत की तरफ से चुना गया नाम ऑपरेशन सिंदूर प्रतीकवाद से भरा है। 'ऑपरेशन सिंदूर' का संबंध उस सिंदूर से है जो सुहाग का प्रतीक है। वे सिंदूर जिसे हिंदू महिलाएं शादी के बाद अपने माथे पर लगाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर से आंखों में खुशी के आंसूऑपरेशन सिंदूर अब ऐसा नाम हो गया है जिसने करोड़ों देशवासियों को गर्व करने का मौका दिया है। इसके साथ ही हमारी उन मां,बहनों और पत्नियों की आंखों में खुशी के आंसू दिए हैं जिन्होंने इस हमले में अपना बेटा, अपना भाई और अपने पति को खोया। इसके अलावा उन परिवारों के कलेजे को ठंडक पहुंचाई है जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में अपने करीबी और प्रियजनों को गंवा दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने देशवासियों को इस मायने में खुशी दी है कि पाकिस्तान को उस भाषा में जवाब दिया गया है जिसका वह हकदार है। पीएम मोदी का कहा हुआ सचऑपरेशन सिंदूर से पीएम मोदी का कहा सच हो गया। आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने बिहार के मधुबनी से ही आतंक के पैरोकार पाकिस्तान और वहां छुपे आतंक के आकाओं को संदेश दिया था। पीएम मोदी ने साफ कहा था कि आतंकियों और आतंकियों की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। ऐसे में पहलगाम हमले के 15 दिन पीएम की बात अक्षरश: सच साबित हो गई। पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने के लिए सेना को पूरी छूट दे दी थी। लोगों को बढ़ेगा भरोसाऑपरेशन सिंदूर ने देश के लोगों में हमारी सरकार पर भरोसे को मजबूत किया है। लोगों का कहना है कि इस तरह का बदला बहुत जरूरी थी। टूरिस्ट बाहर जाने में असुरक्षित महसूस करने लगे थे। इस हमले के बाद लोगों को संतुष्टि मिली है कि जो बदला हमारा पूरा होना चाहिए था वह बदला पूरा हो गया है। इस हमले के बाद देश के सभी हिस्सों में सराहा जा रहा है। आम लोगों से लेकर विभिन्न राजनीतिक दल भी सेना के शौर्य को सलाम कर रहे हैं। पाकिस्तान में घुसकर बड़ा हमलाभारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया। इसमें आतंकवादी समूह लश्कर-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। खबर है कि हमले में करीब 90 आतंकी मारे गए हैं। हमले में मरने वाले आतंकियों की संख्या बढ़ भी सकती है। रक्षा मंत्रालय ने देर रात 1.44 बजे एक बयान में कहा कि सैन्य हमले 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत किए गए। भारत की यह कार्रवाई 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद की गई। हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
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