झालावाड़: राजस्थान के झालावाड़ में ऑपरेशन शील्ड की मॉक ड्रिल असली आपदा बन गई। शनिवार शाम काली सिंध बांध पर एक आपातकालीन अभ्यास (मॉक ड्रिल) के दौरान एक अप्रत्याशित और विचित्र घटना सामने आई। ड्रोन हमले की सूचना के तहत चल रही मॉक ड्रिल के दौरान अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
ड्रोन हमले की मॉक सूचना के बाद जुटे अधिकारी
शनिवार शाम करीब 5 बजे काली सिंध बांध के कंट्रोल रूम से एक सूचना जारी की गई, जिसमें कहा गया कि बांध पर ड्रोन के माध्यम से हवाई हमला हुआ है। इस सूचना पर जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर सहित कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत बांध स्थल पर पहुंचे। टीम ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया।
शोर-शराबे से भड़क गईं मधुमक्खियां
यह सब एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जिसमें आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जा रही थी। जैसे ही अभ्यास शुरू हुआ, शोर-शराबे और लोगों की हलचल से बांध के नीचे बने छत्तों में रहने वाली मधुमक्खियां भड़क गईं। देखते ही देखते मधुमक्खियों के झुंड ने वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया।
कंट्रोल रूम में छिपे अधिकारी, कुछ को डंक लगे
अचानक हुए इस हमले से कलेक्टर, एसपी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए कंट्रोल रूम और आसपास के कमरों में छिप गए। कुछ कर्मचारी डर के मारे जमीन पर ही लेट गए। इस दौरान करीब 24 लोगों को मधुमक्खियों ने डंक मार दिए, जिनका प्राथमिक उपचार मौके पर मौजूद चिकित्सा दल ने किया।
कलेक्टर ने दी घटना की जानकारी
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा, 'मॉक ड्रिल के दौरान जब हम सब स्थिति का आकलन कर रहे थे, तभी पुल के नीचे बने छत्तों से मधुमक्खियां निकल आईं। सबने जल्दी से आसपास के कमरों में शरण ली। कुछ कर्मचारियों को मामूली डंक लगे।'
ड्रिल पूरी की गई, घटना से मिला महत्वपूर्ण सबक
मधुमक्खियों के हमले के बावजूद अधिकारियों ने संयम बरता और मॉक ड्रिल को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह घटना एक अहम सबक भी बन गई कि आपातकालीन परिस्थितियों में कई बार अप्रत्याशित चुनौतियां सामने आ सकती हैं, जिनसे सतर्कता और सूझबूझ के साथ निपटना जरूरी है।
ड्रोन हमले की मॉक सूचना के बाद जुटे अधिकारी
शनिवार शाम करीब 5 बजे काली सिंध बांध के कंट्रोल रूम से एक सूचना जारी की गई, जिसमें कहा गया कि बांध पर ड्रोन के माध्यम से हवाई हमला हुआ है। इस सूचना पर जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर सहित कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत बांध स्थल पर पहुंचे। टीम ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया।
शोर-शराबे से भड़क गईं मधुमक्खियां
यह सब एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जिसमें आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जा रही थी। जैसे ही अभ्यास शुरू हुआ, शोर-शराबे और लोगों की हलचल से बांध के नीचे बने छत्तों में रहने वाली मधुमक्खियां भड़क गईं। देखते ही देखते मधुमक्खियों के झुंड ने वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया।
कंट्रोल रूम में छिपे अधिकारी, कुछ को डंक लगे
अचानक हुए इस हमले से कलेक्टर, एसपी सहित कई अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए कंट्रोल रूम और आसपास के कमरों में छिप गए। कुछ कर्मचारी डर के मारे जमीन पर ही लेट गए। इस दौरान करीब 24 लोगों को मधुमक्खियों ने डंक मार दिए, जिनका प्राथमिक उपचार मौके पर मौजूद चिकित्सा दल ने किया।
कलेक्टर ने दी घटना की जानकारी
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा, 'मॉक ड्रिल के दौरान जब हम सब स्थिति का आकलन कर रहे थे, तभी पुल के नीचे बने छत्तों से मधुमक्खियां निकल आईं। सबने जल्दी से आसपास के कमरों में शरण ली। कुछ कर्मचारियों को मामूली डंक लगे।'
ड्रिल पूरी की गई, घटना से मिला महत्वपूर्ण सबक
मधुमक्खियों के हमले के बावजूद अधिकारियों ने संयम बरता और मॉक ड्रिल को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह घटना एक अहम सबक भी बन गई कि आपातकालीन परिस्थितियों में कई बार अप्रत्याशित चुनौतियां सामने आ सकती हैं, जिनसे सतर्कता और सूझबूझ के साथ निपटना जरूरी है।
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