चेन्नै : मध्य प्रदेश में "कोल्ड्रिफ कफ सिरप" से बच्चों की मौत को लेकर हुए विवाद में तमिलनाडु सरकार ने निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने कंपनी को पूरी तरह से बंद करने का आदेश जारी किया है। सरकार ने यह फैसला कंपनी के सिरप में जानलेवा कैमिकल 'डाइएथिलीन ग्लाइकॉल' की 48.6 प्रतिशत जैसी खतरनाक मात्रा पाए जाने के बाद लिया है।
ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने तेजी से की कार्रवाई
इस पूरे मामले की शुरुआत एक अक्टूबर को हुई, जब मध्य प्रदेश की ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने तमिलनाडु के डिपार्टमेंट को सूचित किया कि छिंदवाड़ा जिले में 4 सितंबर से हो रही बच्चों की मौतों का संबंध श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित 'कोल्ड्रिफ सिरप' से हो सकती है। जिसके बाद तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने तेजी से कार्रवाई शुरु की।
कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर तत्काल बैन
एक अक्टूबर को शाम चार बजे सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर ही ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी के नेतृत्व वाली एक टीम ने कंपनी परिसर का निरीक्षण शुरु कर दिया। जिसके बाद पब्लिक सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पूरे प्रदेश में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर तत्काल बैन लगा दिया।
तीन अक्टूबर को सिरप पर लगा बैन
दो अक्टूबर को लेबोरेटरी की रिपोर्ट ने सभी आशंकाओं को सही साबित कर दिया। रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6 प्रतिशत की डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाए जाने की पुष्टि हुई, जो कि जानलेवा है। खतरनाक कैमिकल की पुष्टि होने के बाद डिपार्टमेंट ने तीन अक्टूबर को सिरप पर बैन लगा दिया और कंपनी को तुरंत सील कर दिया। कंपनी का लाइसेंस रद्द करने के लिए उसे कारण बताओं नोटिस भी जारी कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु पुलिस की मदद से 9 अक्टूबर को कफ सिरप के मालिक श्री रंगनाथन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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