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प्रॉपर्टी खरीदने का सपना 90% को बना रहा कंगाल, 1% काट लेते हैं मलाई, उन अमीरों का फॉर्मूला जान लीजिए

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नई दिल्ली: भारत में 90% खरीदार प्रॉपर्टी खरीदने के सपने को पूरा करते-करते कंगाल और निराश हो रहे हैं। गुरुग्राम की रियल एस्टेट एडवाइजर ऐश्वर्या श्री कपूर ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि दूसरी तरफ कुछ खास लोग बड़ी चालाकी से संपत्ति बनाकर अमीर बन रहे हैं। कपूर ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट के कई झूठों का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मकान खरीदार 'निवेश नहीं, बल्कि देनदारी खरीद रहे हैं।' उनका सीधा कहना है कि खराब प्रोजेक्ट, भावनाओं में बहकर लिए गए फैसले और बिना सोचे-समझे की गई प्लानिंग की वजह से आम भारतीयों का भविष्य खतरे में है। कपूर के अनुसार, अमीर लोग प्री-लॉन्च में खरीदते हैं, मोलभाव करते हैं और 3-5 साल में 2.5-4 गुना तक का मुनाफा कमाते हैं। उनका सुझाव है कि ग्राहकों की तरह नहीं, बल्कि एक निवेशक की तरह सोचें।



ऐश्वर्या श्री कपूर ने भारतीय रियल एस्टेट बाजार को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि ज्यादातर लोग बिना सोचे-समझे प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं और अपना पैसा डुबो देते हैं। कपूर के अनुसार, कुछ खास लोग ही सही समय पर सही प्रॉपर्टी में निवेश करके मुनाफा कमाते हैं।



कैसे चक्‍कर में फंस जाते हैं लोग?

कपूर ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'आप एक दिन में सात प्रोजेक्ट देखते हैं। सिर्फ प्रति वर्ग फीट कीमत पूछते हैं और सबसे ज्यादा डिस्काउंट देने वाले ब्रोकर को चुन लेते हैं। यह निवेश नहीं, जुआ है।' उनका कहना है कि लोग बिना सोचे-समझे सिर्फ दिखावे और डिस्काउंट के चक्कर में फंस जाते हैं। वे प्रॉपर्टी के कागजात, किराये की संभावना और बेचने की समय सीमा के बारे में नहीं सोचते।



कपूर के अनुसार, अमीर निवेशक संस्थाओं की तरह काम करते हैं। वे प्री-लॉन्च में खरीदते हैं। जमकर मोलभाव करते हैं। 3-5 साल में बेचने की योजना बनाते हैं। इससे उन्हें 2.5 से 4 गुना तक का रिटर्न मिलता है। उन्होंने कहा, 'यह किस्मत नहीं, प्लानिंग है।'



ये है अमीरों का फॉर्मूला

उन्होंने अमीरों का एक फॉर्मूला भी बताया: 'प्रोडक्ट + टाइमिंग + जोन + ब्रांड + एग्जिट पाथ = ROI' यानी सही प्रोडक्ट, सही समय, सही जगह, अच्छा ब्रांड और बेचने का सही तरीका, ये सब मिलकर आपको अच्छा रिटर्न दिलाते हैं। अगर इनमें से कोई भी चीज गायब है तो आप फंस सकते हैं। खासकर, टियर 2 जैसे इलाकों में, जहां प्रॉपर्टी की सप्लाई ज्यादा है और डेवलपमेंट कम।



कपूर खरीदारों को सलाह देती हैं कि वे ग्राहक की तरह सोचना बंद करें और निवेशक की तरह सोचें। वह कहती हैं कि आपको यह देखना चाहिए कि कौन सी प्रॉपर्टी कम कीमत पर मिल रही है और जिसमें 3 गुना तक रीसेल की संभावना है। सिर्फ यह न देखें कि कौन सी प्रॉपर्टी तुरंत रहने के लिए तैयार है।

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