अब अगर आपको बालकनी या छत पर ताजी और लंबी लौकी उगानी है, तो बिल्कुल मुमकिन है। इसके लिए बस कुछ चीजों और सही तरीकों का इस्तेमाल करना होगा। स्नेहा की बगिया से मिले आसान तरीके से गमलों में ही ढेर सारी और बड़ी-बड़ी लौकी उगा सकते हैं। जिससे मंडी जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
गमला, मिट्टी और बीज
लौकी उगाने के लिए एक बड़ा गमला चुनें, जो कम से कम 15 से 20 इंच का हो, क्योंकि लौकी की बेल को बढ़ाने के लिए काफी जगह चाहिए होती है। मिट्टी का मिश्रण तैयार करने के लिए बगीचे की मिट्टी, गोबर की खाद और कोकोपीट को बराबर मात्रा में मिलाएं। अब अच्छी क्वालिटी के लौकी के बीज लेकर 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। अगले दिन, 2-3 बीज गमले में 1-2 इंच की गहराई में बो दें।
डीएपी खाद का जादू

लौकी के पौधे को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। तो मिट्टी को हमेशा नम रखें, लेकिन ध्यान रहे कि उसमें जलभराव न हो। जब पौधा 2-3 इंच का हो जाए, तब उसे पहला पोषण दे सकते हैं। आप एक लीटर पानी में 5-6 दाने डीएपी खाद के घोलकर हर 15-20 दिन में एक बार पौधे की जड़ों के आसपास डालें। लेकिन घोल सीधे पौधे की पत्तियों पर न पड़े। डीएपी ग्रोथ बढ़ने के साथ फल भी ज्यादा आएंगे।
नीम ऑयल का उपयोग
लौकी की बेल पर अक्सर सफेद मक्खी, एफिड्स और फफूंद जैसे रोग लग जाते हैं, जो बेल को बर्बाद कर देते हैं। ऐसे में आप नीम ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं जो एक प्राकृतिक कीटनाशक है। आपको एक लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम ऑयल और 2 से 3 बूंदे लिक्विड सोप की डालना है। सभी को अच्छी तरह से मिलाकर एक स्प्रे बोतल में भरने के बाद खिड़काव करना है। यह स्प्रे हर 10-12 दिन में एक बार करें, इससे कीटों का हमला रुक जाएगा।
ये भी है जरूरी काम
लौकी के पौधे में नर और मादा दोनों फूल आते हैं। अगर आपके यहां परागण के लिए मधुमक्खियां या तितलियां नहीं आतीं हैं तो आप हाथ से परागण कर सकते हैं। सुबह के समय एक नर फूल, जिसमें केवल डंडी हो उसे तोड़कर उसका पराग मादा फूल जिसके नीचे छोटी लौकी जैसा हिस्सा हो उसके बीच में लगा दें। ऐसा करने से बेल ढेरों लौकी से भर जाएगी।
स्नेहा की बगिया की टिप्स
बेल को सहारा दें
जैसे-जैसे लौकी की बेल बढ़ती जाए, उसे सहारा देने के लिए मंडप या मचान बनाएं। आप बांस या मजबूत रस्सियों का उपयोग कर सकते हैं। इससे बेल को ऊपर चढ़ने में मदद मिलेगी और लौकी हवा में लटक कर बड़ी और सीधी होंगी। इसके अलावा गमला ऐसी जगह पर रखें जहां कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप आती हो। इस तरह बेल लगाने से ज्यादा लौकी मिलेगी।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे यूट्यूब वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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