गया: बिहार पुलिस की दबिश और लगातार छापेमारी के कारण तीन लाख रुपए का इनामी एवं कुख्यात नक्सली अखिलेश सिंह भोक्ता उर्फ पतरकी ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने शुक्रवार को बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली संगठन में सब-जोनल कमांडर था।
3 लाख के इनामी नक्सली का सरेंडर
छकरबंधा के कचनार गांव के रहने वाले अखिलेश भोक्ता ने सेमी-ऑटोमेटिक राइफल (मैगजीन सहित) के साथ आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण के पश्चात नक्सली सब-जोनल कमांडर अखिलेश सिंह भोक्ता उर्फ पतरकी के दिए गए बयान के आधार पर कचनार गांव के जंगल में जमीन में छिपाकर रखे गए 60 आईईडी बरामद किए गए। बरामद आईईडी में प्रत्येक का वजन लगभग एक किलोग्राम था। सुरक्षा बलों द्वारा इन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इस कार्रवाई में सीआरपीएफ, एसएसबी एवं बीएसएपी का भी सहयोग लिया गया।
10 साल से फरार था वांटेड नक्सली
पुलिस के मुताबिक, अखिलेश सिंह भोक्ता पिछले 10 वर्षों से फरार था। पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। यह गया एवं औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों में 17 से अधिक नक्सली कांडों में संलिप्त रहा है। पुलिस ने इसके आत्मसमर्पण के बाद छकरबंधा क्षेत्र में नक्सलियों के समाप्त होने का भी दावा किया।
नक्सली ने किए थे कई कांड
बताया गया कि उस पर आमस थाना क्षेत्र में महापुर स्थित सोलर प्लांट को आग के हवाले करने का आरोप है, जबकि देव थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या और सात वाहनों में आग लगाने, लुटुआ थाना क्षेत्र में आईईडी विस्फोट करने का आरोप है। इस विस्फोट में एक पुलिस अवर निरीक्षक शहीद हो गए थे और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
4 गांववालों को फांसी दी थी
इसके अलावा, अखिलेश सिंह भोक्ता पर डुमरिया थाना क्षेत्र में चार ग्रामीणों को गले में फंदा लगाकर हत्या करने का भी आरोप है। एसएसपी ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अखिलेश सिंह भोक्ता को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
आईएएनएस के इनपुट्स
3 लाख के इनामी नक्सली का सरेंडर
छकरबंधा के कचनार गांव के रहने वाले अखिलेश भोक्ता ने सेमी-ऑटोमेटिक राइफल (मैगजीन सहित) के साथ आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण के पश्चात नक्सली सब-जोनल कमांडर अखिलेश सिंह भोक्ता उर्फ पतरकी के दिए गए बयान के आधार पर कचनार गांव के जंगल में जमीन में छिपाकर रखे गए 60 आईईडी बरामद किए गए। बरामद आईईडी में प्रत्येक का वजन लगभग एक किलोग्राम था। सुरक्षा बलों द्वारा इन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इस कार्रवाई में सीआरपीएफ, एसएसबी एवं बीएसएपी का भी सहयोग लिया गया।
10 साल से फरार था वांटेड नक्सली
पुलिस के मुताबिक, अखिलेश सिंह भोक्ता पिछले 10 वर्षों से फरार था। पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। यह गया एवं औरंगाबाद जिले के विभिन्न थानों में 17 से अधिक नक्सली कांडों में संलिप्त रहा है। पुलिस ने इसके आत्मसमर्पण के बाद छकरबंधा क्षेत्र में नक्सलियों के समाप्त होने का भी दावा किया।
नक्सली ने किए थे कई कांड
बताया गया कि उस पर आमस थाना क्षेत्र में महापुर स्थित सोलर प्लांट को आग के हवाले करने का आरोप है, जबकि देव थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या और सात वाहनों में आग लगाने, लुटुआ थाना क्षेत्र में आईईडी विस्फोट करने का आरोप है। इस विस्फोट में एक पुलिस अवर निरीक्षक शहीद हो गए थे और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
4 गांववालों को फांसी दी थी
इसके अलावा, अखिलेश सिंह भोक्ता पर डुमरिया थाना क्षेत्र में चार ग्रामीणों को गले में फंदा लगाकर हत्या करने का भी आरोप है। एसएसपी ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत अखिलेश सिंह भोक्ता को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
आईएएनएस के इनपुट्स
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