नई दिल्ली: लद्दाख के लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद आखिरकार बुधवार को पहली बार लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ बातचीत हुई। एलएबी और केडीए दोनों ही संगठनों ने बताया कि गृह मंत्रालय अधिकारियों के साथ हुई करीब तीन घंटे की वार्तालाप काफी सकारात्मक नजरिए से हुई। सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से गौर करने का आश्वासन दिया। जिस पर उनकी तरफ से भी सरकार को आश्वस्त किया गया कि वह भी कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे। जो सरकार को गलत लगे।
मीटिंग में शामिल हुए लेह एपेक्स बॉडी के को-चेयरमैन और पूर्व विधायक चेरिंग दोरजी ने एनबीटी को बताया कि एलएबी और केडीए दोनों संगठनों से तीन-तीन पदाधिकारी थे। इनमें लद्दाख के सांसद और केडीए के फाउंडर मोहम्मद हनीफा जान और उनके वकील भी शामिल हुए। बातचीत का मुख्य एजेंडा लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग रही। साथ ही क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाना और उन्हें जेल से रिहा करना रहा। इनके अलावा हिंसा के बाद पुलिस ने लद्दाख के जिन नौजवानों को जेल में डाला था। उनकी रिहाई।
70 में से अब 20-25 ही नौजवान जेल मेंहालांकि, बताया जाता है कि 70 में से अब 20-25 ही नौजवान जेल में हैं। बाकी सब जमानत पर छोड़ दिए गए हैं। दोरजी ने कहा कि अभी पहले दौर की बातचीत हुई है। आठ-10 दिनों में फिर से मीटिंग हो सकती है। अंतिम फैसला हाई पावर कमिटी के साथ मीटिंग में सामने आएगा। लेकिन इससे पहले बुधवार की हुई मीटिंग में हमें सरकार का रूख सकारात्मक लगा। यहीं मीटिंग में शामिल हुए लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने बताया कि इस मसले को लेकर हमने 30 सितंबर को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस वक्त हमने तय किया था कि जब तक सरकार हिंसा की न्यायिक जांच कराने समेत शेड्यूल-6 और स्टेटहुड का दर्जा देने के अलावा सोनम वांगचुक और अन्य लद्दाखी को जेल से रिहा नहीं करती। तब तक सरकार से कोई बातचीत नहीं की जाएगी। लेकिन अब क्या हुआ जो सरकार से बात करनी पड़ी?
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे जांचजवाब में सांसद हनीफा ने कहा कि सरकार ने हमारी हिंसा की जांच कराने वाली बात मान ली है। जिसके लिए 17 अक्टूबर को अधिसूचना जारी करके बताया गया कि लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डॉक्टर बी एस चौहान द्वारा की जाएगी। इसके बाद सरकार से बातचीत के रास्ते खुलते नजर आए। फिर सरकार लगातार उनसे बातचीत करने के लिए संपर्क में थी। इसी वजह से बुधवार को यह मीटिंग हुई। यहीं लेह के डीसी रोमिल सिंह डोंक ने बताया कि लेह में अब सब कुछ सामान्य है। बीएनएसएस की धारा 163 को छोड़कर यहां कर्फ्यू लगने और इंटरनेट बंद होने जैसा कोई मामला नहीं है। स्कूल-कॉलेज पहले की तरह की खुल रहे हैं।
मीटिंग में शामिल हुए लेह एपेक्स बॉडी के को-चेयरमैन और पूर्व विधायक चेरिंग दोरजी ने एनबीटी को बताया कि एलएबी और केडीए दोनों संगठनों से तीन-तीन पदाधिकारी थे। इनमें लद्दाख के सांसद और केडीए के फाउंडर मोहम्मद हनीफा जान और उनके वकील भी शामिल हुए। बातचीत का मुख्य एजेंडा लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की मांग रही। साथ ही क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाना और उन्हें जेल से रिहा करना रहा। इनके अलावा हिंसा के बाद पुलिस ने लद्दाख के जिन नौजवानों को जेल में डाला था। उनकी रिहाई।
70 में से अब 20-25 ही नौजवान जेल मेंहालांकि, बताया जाता है कि 70 में से अब 20-25 ही नौजवान जेल में हैं। बाकी सब जमानत पर छोड़ दिए गए हैं। दोरजी ने कहा कि अभी पहले दौर की बातचीत हुई है। आठ-10 दिनों में फिर से मीटिंग हो सकती है। अंतिम फैसला हाई पावर कमिटी के साथ मीटिंग में सामने आएगा। लेकिन इससे पहले बुधवार की हुई मीटिंग में हमें सरकार का रूख सकारात्मक लगा। यहीं मीटिंग में शामिल हुए लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा जान ने बताया कि इस मसले को लेकर हमने 30 सितंबर को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस वक्त हमने तय किया था कि जब तक सरकार हिंसा की न्यायिक जांच कराने समेत शेड्यूल-6 और स्टेटहुड का दर्जा देने के अलावा सोनम वांगचुक और अन्य लद्दाखी को जेल से रिहा नहीं करती। तब तक सरकार से कोई बातचीत नहीं की जाएगी। लेकिन अब क्या हुआ जो सरकार से बात करनी पड़ी?
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे जांचजवाब में सांसद हनीफा ने कहा कि सरकार ने हमारी हिंसा की जांच कराने वाली बात मान ली है। जिसके लिए 17 अक्टूबर को अधिसूचना जारी करके बताया गया कि लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डॉक्टर बी एस चौहान द्वारा की जाएगी। इसके बाद सरकार से बातचीत के रास्ते खुलते नजर आए। फिर सरकार लगातार उनसे बातचीत करने के लिए संपर्क में थी। इसी वजह से बुधवार को यह मीटिंग हुई। यहीं लेह के डीसी रोमिल सिंह डोंक ने बताया कि लेह में अब सब कुछ सामान्य है। बीएनएसएस की धारा 163 को छोड़कर यहां कर्फ्यू लगने और इंटरनेट बंद होने जैसा कोई मामला नहीं है। स्कूल-कॉलेज पहले की तरह की खुल रहे हैं।
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