डिजाइन और फीचर्स
यह एयरकार्ट काफी छोटा और कॉम्पैक्ट है। यह ड्रोन्स से बड़ा और बड़े एयरक्राफ्ट से छोटा है। इसे छोटी फ्लाइट्स के लिए बनाया गया है। साथ ही यह लोगों को हवा में उड़ने का फील देता है। इसमें GPS और LiDAR (लेजर से दूरी मापने वाला सेंसर) जैसे आधुनिक कंट्रोल सिस्टम लगे हैं। यह कंप्यूटर की मदद से रुकावटों का पता लगाता है और उनसे बचता है, जिससे उड़ान सुरक्षित होती है।
दो फ्लाइट मोड्स
इस एयरकार्ट में पायलट्स की सुविधा के लिए दो फ्लाइट मोड दिए गए हैं। पहला इजीफ्लाई मोड और दूसरा स्पोर्ट मोड।
ईजीफ्लाई मोड (EasyFly Mode) - यह नए पायलट्स के लिए है। इसमें रफ्तार और मूवमेंट सीमित होते हैं। यह बाधाओं से खुद बचता है और एक बटन दबाने से लैंड हो जाता है।
स्पोर्ट मोड (Sport Mode) - यह मोड अनुभवी पायलटों के लिए है। इसमें स्पीड और मूवमेंट को लेकर किसी तरह की कोई सीमा नहीं होती। इसमें पायलट को पूरा कंट्रोल मिलता है। पायलट इस मोड पर एयरकार्ट को तेज स्पीड से उड़ा सकते हैं और हवा में करतब भी कर सकते हैं।
कैसे काम करता है एयरकार्ट?
एयरकार्ट में आठ इलेक्ट्रिक मोटर्स हैं, जो डक्टेड को-एक्सियल क्वाडकॉप्टर डिजाइन में काम करते हैं। हर पोजीशन में दो मोटर्स एक के ऊपर एक लगी हैं। प्रोपेलर (पंखे) के चारों ओर एक प्रोटेक्टिव डक्ट है, जो शोर को कम करता है और हवा के बहाव को बेहतर बनाता है। यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है, इसलिए कोई प्रदूषण नहीं होता। इसकी बॉडी फ्लैक्स फाइबर और बायो-रेजिन से बनी है, जिसे कार्बन फाइबर और केवलर जैसी चीजों से और मजबूत किया गया है। इसका फ्रेम फॉर्मूला 1 कारों की तरह एक ही शेल में बना है, जिससे यह हल्का और मजबूत रहता है।
स्पीड और रेंज कितनी है?
यह 100 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है और 400 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है। एक बार फुल चार्ज होने पर यह 15 मिनट तक उड़ान भर सकता है। एलिवेट रेसिंग की योजना है कि वे 2027 के अंत तक अमेरिका, कैरेबियन और यूरोप में एयरोकार्टिंग ट्रैक बनाएंगे। इन ट्रैक पर लोग 249 डॉलर (लगभग ₹20,000) देकर 15 मिनट के लिए एयरकार्ट किराए पर ले सकेंगे। यह लोगों को हवा में उड़ने का मजेदार और सुरक्षित अनुभव देगा।
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