वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के पीछे सोचा था कि इससे भारत डर जाएगा और रूस से दूरी बना लेगा। लेकिन भारत ने टैरिफ के सामने झुकने से इनकार कर दिया और दोस्त रूस के साथ तेल खरीद जारी रखी है। नई दिल्ली के इस कदम से अमेरिका तिलमिलाया हुआ है। अब ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। नवारो ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली सस्ती दरों पर रूस से कच्चा तेल खरीद खरीदकर, उसे रिफाइन करके दुनिया भर में प्रीमियम कीमत पर बेचकर रूस के क्रेमलिन के लिए कपड़े धोने की मशीन की तरह काम कर रहा है।
नवारो ने दावा किया कि भारत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है। हालांकि, उन्होंने आलोचना के साथ भारत के नेतृत्व की तारीफ भी की और कहा कि शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी तेल खरीद से मॉस्को को यूक्रेन में अपने युद्ध अभियान के लिए धन उपलब्ध हो रहा है, जबकि भारत इससे कमाई कर रहा है।
भारत को रूसी तेल की जरूरत नहीं
नवारो ने कहा, 'फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत ने लगभग कोई रूसी तेल नहीं खरीदा था। अब जब यह 30-35 प्रतिशत हो गया है। यह तर्क बकवास है कि उन्हें किसी तरह रूसी तेल की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि 'रूसी रिफाइनर भारतीय रिफाइनरों के साथ मिलकर ऐसा खेल खेल रहे हैं जिसमें उन्हें सस्ता रूसी कच्चा तेल छूट पर मिलता है। फिर वे रिफाइंड उत्पाद बनाते हैं जिसे वे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम कीमतों पर बेचते हैं।'
नई दिल्ली पर टैरिफ को बताया सही
नवारो ने भारत पर टैरिफ को सही ठहराते हुए नई दिल्ली पर व्यापार में धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'उनके टैरिफ ज्यादा हैं, महाराजा टैरिफ... हमारा उनके साथ भारी व्यापार घाटा है। इससे अमेरिकी कामगारों और व्यवसायों को नुकसान होता है। फिर वे हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल रूसी तेल खरीदने में करते हैं, फिर उसे रिफाइन प्रोसेस करते हैं। वे वहां खूब पैसा कमाते हैं। रूसी उस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं।'
नई दिल्ली से जाता है शांति का रास्ता
नवारो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बिसात को अच्छी तरह समझते हैं। कई मायनों में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है। इसके साथ ही वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार ने भारत के नेतृत्व की तारीफ की और यूक्रेन-रूस संघर्ष को खत्म करने में उसकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता बताया और कहा शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है। उन्होंने कहा, 'मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन प्लीज भारत, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका पर गौर करे। आप अभी जो कर रहे हैं, वह शांति स्थापित नहीं कर रहा है। यह युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।'
नवारो ने दावा किया कि भारत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है। हालांकि, उन्होंने आलोचना के साथ भारत के नेतृत्व की तारीफ भी की और कहा कि शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी तेल खरीद से मॉस्को को यूक्रेन में अपने युद्ध अभियान के लिए धन उपलब्ध हो रहा है, जबकि भारत इससे कमाई कर रहा है।
भारत को रूसी तेल की जरूरत नहीं
नवारो ने कहा, 'फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत ने लगभग कोई रूसी तेल नहीं खरीदा था। अब जब यह 30-35 प्रतिशत हो गया है। यह तर्क बकवास है कि उन्हें किसी तरह रूसी तेल की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि 'रूसी रिफाइनर भारतीय रिफाइनरों के साथ मिलकर ऐसा खेल खेल रहे हैं जिसमें उन्हें सस्ता रूसी कच्चा तेल छूट पर मिलता है। फिर वे रिफाइंड उत्पाद बनाते हैं जिसे वे यूरोप, अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम कीमतों पर बेचते हैं।'
नई दिल्ली पर टैरिफ को बताया सही
नवारो ने भारत पर टैरिफ को सही ठहराते हुए नई दिल्ली पर व्यापार में धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'उनके टैरिफ ज्यादा हैं, महाराजा टैरिफ... हमारा उनके साथ भारी व्यापार घाटा है। इससे अमेरिकी कामगारों और व्यवसायों को नुकसान होता है। फिर वे हमें सामान बेचकर मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल रूसी तेल खरीदने में करते हैं, फिर उसे रिफाइन प्रोसेस करते हैं। वे वहां खूब पैसा कमाते हैं। रूसी उस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करते हैं।'
नई दिल्ली से जाता है शांति का रास्ता
नवारो ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बिसात को अच्छी तरह समझते हैं। कई मायनों में शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है। इसके साथ ही वॉइट हाउस के ट्रेड सलाहकार ने भारत के नेतृत्व की तारीफ की और यूक्रेन-रूस संघर्ष को खत्म करने में उसकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता बताया और कहा शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर जाता है। उन्होंने कहा, 'मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन प्लीज भारत, वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका पर गौर करे। आप अभी जो कर रहे हैं, वह शांति स्थापित नहीं कर रहा है। यह युद्ध को बढ़ावा दे रहा है।'
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