गुवाहाटी: असम सरकार ने गोलाघाट जिले में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को बताया कि इस अभियान में लगभग 3305.78 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। उन्होंने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और सीआरपीएफ को भी धन्यवाद दिया। अभियान के बाद 'मियांलैंड' की मांग पर सरमा ने कहा कि यह मांग बांग्लादेश में पूरी हो सकती है, असम में नहीं। गुवाहाटी के वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों का सर्वेक्षण भी शुरू हो गया है।
असम सीएम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उरियमघाट में अतिक्रमण हटाने का अभियान सफल रहा। इस अभियान से पहले सरकार ने 42,644.57 एकड़ जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया था। अब उरियमघाट में सफलता के बाद कुल 45,950 एकड़ जमीन अतिक्रमण मुक्त हो गई है।
नगालैंड सीएम का किया धन्यवाद
मुख्यमंत्री ने अतिक्रमण रोधी अभियान में समर्थन और सहयोग के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और अभियान के दौरान तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर विवादित क्षेत्र बेल्ट (डीएबी) क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे नगालैंड पुलिस और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी ने इस अतिक्रमण रोधी अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में योगदान दिया और हमारी मदद की।
‘मियांलैंड’ की मांग पर क्या बोले?
अभियान के बाद हटाए गए लोगों के एक वर्ग की ओर से ‘मियांलैंड’ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए असम सीएम ने कहा कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह बांग्लादेश में होगा, यहां नहीं। हम इस संबंध में उनकी मदद भी करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में काफी जमीन है लेकिन अगर वहां कोई समस्या है तो इसे अफगानिस्तान में किया जा सकता है।
वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मौजूदा सर्वे पर क्या कहा?
गुवाहाटी और उसके आसपास के वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मौजूदा सर्वेक्षण के बारे में सरमा ने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले गैर-जातीय मूल के लोगों का सर्वेक्षण शुरू हो गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे कितनी पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं। सरमा ने कहा कि यह सर्वेक्षण केवल वन भूमि क्षेत्र में होगा राजस्व क्षेत्र में नहीं।
असम सीएम ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उरियमघाट में अतिक्रमण हटाने का अभियान सफल रहा। इस अभियान से पहले सरकार ने 42,644.57 एकड़ जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया था। अब उरियमघाट में सफलता के बाद कुल 45,950 एकड़ जमीन अतिक्रमण मुक्त हो गई है।
असम सरकार ने अतिक्रमणकारियों से 182 वर्ग किलोमीटर भूमि वापस ली है। अब यही घुसपैठिए एक अलग 'Miya Land' राज्य की मांग कर रहे हैं।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 31, 2025
उनका यह सपना जरूर पूरा होगा - लेकिन भारत में नहीं,
बल्कि बांग्लादेश या अफ़ग़ानिस्तान में। और वहाँ तक पहुँचने में मैं उनकी सहायता ज़रूर करूँगा। pic.twitter.com/HAbiJvIIdB
नगालैंड सीएम का किया धन्यवाद
मुख्यमंत्री ने अतिक्रमण रोधी अभियान में समर्थन और सहयोग के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और अभियान के दौरान तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर विवादित क्षेत्र बेल्ट (डीएबी) क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे नगालैंड पुलिस और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी ने इस अतिक्रमण रोधी अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में योगदान दिया और हमारी मदद की।
‘मियांलैंड’ की मांग पर क्या बोले?
अभियान के बाद हटाए गए लोगों के एक वर्ग की ओर से ‘मियांलैंड’ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए असम सीएम ने कहा कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह बांग्लादेश में होगा, यहां नहीं। हम इस संबंध में उनकी मदद भी करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में काफी जमीन है लेकिन अगर वहां कोई समस्या है तो इसे अफगानिस्तान में किया जा सकता है।
वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मौजूदा सर्वे पर क्या कहा?
गुवाहाटी और उसके आसपास के वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मौजूदा सर्वेक्षण के बारे में सरमा ने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले गैर-जातीय मूल के लोगों का सर्वेक्षण शुरू हो गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे कितनी पीढ़ियों से वहां रह रहे हैं। सरमा ने कहा कि यह सर्वेक्षण केवल वन भूमि क्षेत्र में होगा राजस्व क्षेत्र में नहीं।
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