श्रीनगर: सांसद इंजीनियर राशिद की पार्टी ने दावा किया है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में उन पर जानबूझकर हमला किया गया है। पार्टी का कहना है कि यह हमलाजानलेवा भी हो सकता था। हालांकि, जेल सूत्रों ने किसी भी जानलेवा इरादे की बात को खारिज करते हुए कहा कि एक बहस के बाद कुछ कैदियों ने उनकी पिटाई की और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। अवामी इत्तेहाद पार्टी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद ने पिछले साल के लोकसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था। उनपर ट्रांसजेंडर कैदियों ने हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया इन कैदियों को उकसाने, हमला करने और शत्रुतापूर्ण माहौल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
पार्टी ने कहा कि सांसद पर एक गेट गिराया गया था। राशिद के वकील के हवाले से कहा गया कि वो चमत्कारिक रूप से बच निकला। अगर यह सीधा लगता, तो जानलेवा भी हो सकता था। यह उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर की गई कोशिश से कम नहीं है। हालांकि, तिहाड़ जेल सूत्रों ने कहा कि लगभग एक हफ्ते पहले राशिद का कुछ ट्रांसजेंडर कैदियों के साथ झगड़ा हुआ था और उन्होंने उनकी पिटाई कर दी थी। उन्होंने बताया कि सांसद को मामूली चोटें आई हैं।
क्यों जेल में बंद हैं राशिद
सांसद की हत्या के इरादे के दावे निराधार हैं। एक सूत्र ने कहा कि राशिद जेल नंबर तीन में बंद हैं, जहां केवल ट्रांसजेंडर कैदियों को रखा जाता है। फ़िलहाल वहां केवल तीन ट्रांसजेंडर कैदी हैं। उनकी हत्या की किसी भी योजना की बात बेबुनियाद है। बता दें कि राशिद 2019 से जेल में हैं। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2017 के एक आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। उनका नाम आतंकवादी और अलगाववादी समूहों को फंडिंग करने के आरोपी कश्मीरी व्यवसायी ज़हूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था।
उमर अब्दुल्ला को हराया था
सांसद इंजीनियर राशिद को इस साल संसद के मॉनसून और बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दी गई थी और पिछले साल उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने की भी अनुमति दी गई थी। पिछले साल बारामूला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए राशिद ने उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन को हराकर 2 लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
पार्टी ने कहा कि सांसद पर एक गेट गिराया गया था। राशिद के वकील के हवाले से कहा गया कि वो चमत्कारिक रूप से बच निकला। अगर यह सीधा लगता, तो जानलेवा भी हो सकता था। यह उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर की गई कोशिश से कम नहीं है। हालांकि, तिहाड़ जेल सूत्रों ने कहा कि लगभग एक हफ्ते पहले राशिद का कुछ ट्रांसजेंडर कैदियों के साथ झगड़ा हुआ था और उन्होंने उनकी पिटाई कर दी थी। उन्होंने बताया कि सांसद को मामूली चोटें आई हैं।
क्यों जेल में बंद हैं राशिद
सांसद की हत्या के इरादे के दावे निराधार हैं। एक सूत्र ने कहा कि राशिद जेल नंबर तीन में बंद हैं, जहां केवल ट्रांसजेंडर कैदियों को रखा जाता है। फ़िलहाल वहां केवल तीन ट्रांसजेंडर कैदी हैं। उनकी हत्या की किसी भी योजना की बात बेबुनियाद है। बता दें कि राशिद 2019 से जेल में हैं। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2017 के एक आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। उनका नाम आतंकवादी और अलगाववादी समूहों को फंडिंग करने के आरोपी कश्मीरी व्यवसायी ज़हूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था।
उमर अब्दुल्ला को हराया था
सांसद इंजीनियर राशिद को इस साल संसद के मॉनसून और बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दी गई थी और पिछले साल उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने की भी अनुमति दी गई थी। पिछले साल बारामूला लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए राशिद ने उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन को हराकर 2 लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
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