नई दिल्ली: भारत रूस के साथ एक बड़ी डील की तैयारी में है। अमेरिका से तनाव के बीच यह काफी अहम है। रूस और भारत एग्री और फर्टिलाइजर जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने की सोच रहे हैं। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी। उसने बताया कि रूस उर्वरक और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में बड़ा खिलाड़ी है। भारत और रूस की साझेदारी से कई देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। यह साझेदारी सिर्फ खरीदने और बेचने तक ही सीमित नहीं रहेगी। रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेट्रुशेव ने बीते दिनों भारत में वर्ल्ड फूड इंडिया एक्सपो में हिस्सा लिया। उनके साथ रूस का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आया। यह एक्सपो गुरुवार को शुरू हुआ। इससे भारत से रूस को झींगा निर्यात करने की योजना को भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। अमेरिका ने भारत से आने वाले झींगे पर 50% तक टैक्स लगा दिया है। ऐसे में रूस भारतीय झींगा निर्यातकों के लिए एक अच्छा बाजार बन सकता है। दोनों देशों की कृषि और उर्वरक सहित संबंधित क्षेत्रों में संयुक्त उद्यम (जेवी) बनाने पर नजर है।
अमेरिका भारत से झींगा खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है। यहां हर साल अरबों डॉलर का झींगा निर्यात होता रहा है। लेकिन, अमेरिका ने भारत पर कई तरह के टैक्स लगाए हैं। इसमें एंटी-सब्सिडी ड्यूटी और एंटी-डंपिंग ड्यूटी शामिल हैं। इससे भारतीय झींगे पर कुल टैक्स 58% से ज्यादा होने के आसार हैं। इस वजह से भारतीय झींगा निर्यातक इक्वाडोर, इंडोनेशिया, वियतनाम और चीन जैसे देशों से मुकाबला नहीं कर पाएंगे।
निर्यातकों को राहत दे सकता है रूसी बाजार सूत्रों के अनुसार, रूस का बाजार भारतीय झींगा निर्यातकों को राहत दे सकता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ व्यापार करने के लिए भारत पर निशाना साध रहे हैं। यही कारण है कि भारत और रूस के बीच नई साझेदारी पर अमल होने से ट्रंप को कतई अच्छा नहीं लगेगा।
पेट्रुशेव लगभग दस सालों से कृषि से जुड़े मामलों पर काम कर रहे हैं। वह रूस के पूर्व NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) निकोलाई पेट्रुशेव के बेटे भी हैं। वह भारत के मंत्रियों के साथ मिलकर व्यापार को बढ़ाने पर भी बात करेंगे। उनका ध्यान भारत से रूस को होने वाले निर्यात पर है।
रूस से बढ़ा है फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट
इस बीच रूस ने भारत को उर्वरकों का निर्यात 20% बढ़ाया है। इस साल के पहले छह महीनों में यह 25 लाख टन तक पहुंच गया है। रूसी उर्वरक उत्पादक संघ (RAFP) के प्रमुख आंद्रेई गुरयेव ने हाल ही में कहा कि भारत के कुल उर्वरक आयात में रूसी उर्वरकों की हिस्सेदारी 33% तक पहुंच गई है। इसका मतलब है कि भारत की ओर से आयात किए जाने वाले हर तीन टन उर्वरकों में से एक टन रूस से आता है। पिछले चार सालों में उर्वरक भारत और रूस की साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
रूस से DAP (डायमोनियम फॉस्फेट) और अन्य NPK उर्वरकों की सप्लाई बढ़ी है। इससे भारत को चीन की ओर से DAP उर्वरकों पर नियंत्रण करने की कोशिशों से निपटने में मदद मिली है। रूसी कृषि और संबंधित बाजारों में भारतीय कंपनियों की संख्या 1,000 तक पहुंच गई है। इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बहुत ज्यादा संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वर्ल्ड फूड इंडिया का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पेट्रुशेव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी शामिल हुए।
अमेरिका की ओर से भारतीय झींगे पर टैरिफ लगाने के बाद रूस भारत के लिए एक अच्छा बाजार बन सकता है। रूस भारत को उर्वरक भी ज्यादा मात्रा में दे रहा है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हो रहे हैं। वर्ल्ड फूड इंडिया एक्सपो में दोनों देशों के नेता मिलकर कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात कर रहे हैं।
अमेरिका भारत से झींगा खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है। यहां हर साल अरबों डॉलर का झींगा निर्यात होता रहा है। लेकिन, अमेरिका ने भारत पर कई तरह के टैक्स लगाए हैं। इसमें एंटी-सब्सिडी ड्यूटी और एंटी-डंपिंग ड्यूटी शामिल हैं। इससे भारतीय झींगे पर कुल टैक्स 58% से ज्यादा होने के आसार हैं। इस वजह से भारतीय झींगा निर्यातक इक्वाडोर, इंडोनेशिया, वियतनाम और चीन जैसे देशों से मुकाबला नहीं कर पाएंगे।
निर्यातकों को राहत दे सकता है रूसी बाजार सूत्रों के अनुसार, रूस का बाजार भारतीय झींगा निर्यातकों को राहत दे सकता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ व्यापार करने के लिए भारत पर निशाना साध रहे हैं। यही कारण है कि भारत और रूस के बीच नई साझेदारी पर अमल होने से ट्रंप को कतई अच्छा नहीं लगेगा।
पेट्रुशेव लगभग दस सालों से कृषि से जुड़े मामलों पर काम कर रहे हैं। वह रूस के पूर्व NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) निकोलाई पेट्रुशेव के बेटे भी हैं। वह भारत के मंत्रियों के साथ मिलकर व्यापार को बढ़ाने पर भी बात करेंगे। उनका ध्यान भारत से रूस को होने वाले निर्यात पर है।
रूस से बढ़ा है फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट
इस बीच रूस ने भारत को उर्वरकों का निर्यात 20% बढ़ाया है। इस साल के पहले छह महीनों में यह 25 लाख टन तक पहुंच गया है। रूसी उर्वरक उत्पादक संघ (RAFP) के प्रमुख आंद्रेई गुरयेव ने हाल ही में कहा कि भारत के कुल उर्वरक आयात में रूसी उर्वरकों की हिस्सेदारी 33% तक पहुंच गई है। इसका मतलब है कि भारत की ओर से आयात किए जाने वाले हर तीन टन उर्वरकों में से एक टन रूस से आता है। पिछले चार सालों में उर्वरक भारत और रूस की साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
रूस से DAP (डायमोनियम फॉस्फेट) और अन्य NPK उर्वरकों की सप्लाई बढ़ी है। इससे भारत को चीन की ओर से DAP उर्वरकों पर नियंत्रण करने की कोशिशों से निपटने में मदद मिली है। रूसी कृषि और संबंधित बाजारों में भारतीय कंपनियों की संख्या 1,000 तक पहुंच गई है। इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बहुत ज्यादा संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वर्ल्ड फूड इंडिया का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में पेट्रुशेव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी शामिल हुए।
अमेरिका की ओर से भारतीय झींगे पर टैरिफ लगाने के बाद रूस भारत के लिए एक अच्छा बाजार बन सकता है। रूस भारत को उर्वरक भी ज्यादा मात्रा में दे रहा है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हो रहे हैं। वर्ल्ड फूड इंडिया एक्सपो में दोनों देशों के नेता मिलकर कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर बात कर रहे हैं।
You may also like
पति ने पत्नी की प्रेमी से कराई शादी, बच्चों को पालने का लिया जिम्मा
विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में झारखंड प्रांत के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
Asia Cup 2025: निसांका ने दिखाई तगड़ी लड़ाई, लेकिन सुपर ओवर में पहली गेंद पर भारत ने किया मुकाबला अपने नाम
पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़, तीन दिन पहले महिला के साथ की थी लूट
आलिया भट्ट ने रणबीर कपूर की लिपस्टिक पर की चर्चा, ट्रोलिंग का सामना