इस स्थिति में महिला को गर्भवती होने के तमाम लक्षण महसूस होते हैं। वह मन ही मन सोचने लगती है कि उसके पेट में बच्चा है, लेकिन वास्तव में गर्भ में कोई बच्चा नहीं होता। आखिर क्यों होता है ऐसा, क्या हैं इसके कारण और लक्षण? आइए जानते हैं सब कुछ विस्तार से।
सभी फोटो साभार: freeepik (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं)
क्या होती है यह प्रेग्नेंसी ?
इस गर्भावस्था में महिला को लगता है कि वह गर्भवती है, जबकि ऐसा होता नहीं है। इस वजह से वह प्रेग्नेंसी के सारे लक्षण भी महसूस करती है लेकिन हकीकत इसे अलग होती है। इस स्थिति में डॉक्टर यूरिन और ब्लड टेस्ट करके कंफर्म करते हैं कि प्रेग्नेंसी नहीं हुई है ओर यह सिर्फ महिला का भम्र है।
16 से 39 साल की महिलाओं में देखे जाते हैं ज्यादा मामले

Cleveland Clinic के अनुसार, Pseudocyesis या फैंटम प्रेग्नेंसी एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है। हर 22,000 डिलीवरी में करीब 1 से 6 मामलों में ऐसा होता है। ज्यादातर मामले 16 से 39 साल की महिलाओं में पाए जाते हैं। पहले जब गर्भावस्था की जांच के लिए भरोसेमंद टेस्ट नहीं थे, तब इस तरह के मामले ज्यादा सामने आते थे।
क्या होते हैं इस प्रेग्नेंसी के लक्षण

फैंटम या फॉल्स प्रेग्नेंसी से पीड़ित महिला को पेट का बड़ा होना, पीरियड्स मिस होना, वजन बढ़ना, मार्निग सिकनेस, कुछ चीजे खाने की ज्यादा इच्छा या फिर खाने से नफरत होना जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं, जो कि बिल्कुल ही प्रेग्नेंसी के समान होते हैं।
फैंटम और रियल प्रेग्नेंसी में ऐसे करें अंतर
Cleveland Clinic के अनुसार, फैंटम प्रेग्नेंसी और वास्तविक गर्भावस्था के बीच सबसे बड़ा फर्क यह है कि झूठी गर्भावस्था में पेट में वास्तव में कोई बच्चा (भ्रूण) होता ही नहीं है। लेकिन फिर भी, Pseudocyesis से पीड़ित महिला को ऐसा लगता है कि वह गर्भवती है। वह प्रेग्नेंट होने जैसे लक्षण महसूस करती है- जैसे पीरियड रुकना, पेट फूलना, उल्टी जैसा महसूस होना आदि। लेकिन जब प्रेग्नेंसी टेस्ट, ब्लड टेस्ट या अल्ट्रासाउंड किया जाता है, तो साफ हो जाता है कि वह गर्भवती नहीं है।
क्या है इस गर्भावास्था की वजह
Cleveland Clinic मेडिकल एक्स्पर्ट पूरी तरह से यह नहीं जान पाए हैं कि फैंटम प्रेग्नेंसी क्यों होती है। लेकिन उनका मानना है कि इसके पीछे मानसिक और हार्मोन से जुड़े कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, गर्भवती होने की तीव्र इच्छा। कई बार गर्भपात होना या फिर बच्चे की मृत्य जैसे अन्य वजहें भी हो सकती हैं।
क्या है उपचार
सबसे पहले तो महिला को अल्ट्रासाउंड सहित अन्य चेकअप करके लेडी को यह विश्वास दिलाएं कि वह प्रेग्नेंट नहीं है। clevelandclinic.org के अनुसार, इसके बाद डॉक्टर को प्रेग्नेंसी जैसे महसूस होने वाले लक्षणों का इलाज करें।
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