औरंगाबाद: बिहार में इस दफे चुनाव में कई उलटफेर हुए। इसी में एक था चेतन आनंद का पाल बदल कर जदयू में आना। राजद से शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने फरवरी 2024 में राजद विधायक रहते हुए विश्वासमत के दौरान नीतीश कुमार की सरकार का साथ दिया। चेतन आनंद ने इसके बाद जदयू का दामन थाम लिया। लोग यही मान कर चल रहे थे कि चेतन आनंद शिवहर से ही चुनाव लड़ेंगे। लेकिन जदयू ने रणनीति बदली और चेतन आनंद को शिवहर के बजाए औरंगाबाद जिले की नबीनगर विधानसभा सीट से टिकट दिया है।
जानिए चेतन आनंद और उनके विरोधियों के बारे में
चेतन आनंद अपने जमाने के बाहुबली रहे आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। आनंद मोहन सिंह वो नेता हैं जिनकी एंट्री मुन्ना शुक्ला के भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की हत्या के बाद हुई। उनके इस हत्याकांड में सामने आने के बाद उत्तर बिहार में पहली बार भूमिहार और राजपूत जाति के दबंग से लेकर नेता तक एक हो गए। हालांकि आनंद मोहन सजा पाने के बाद चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहे। लेकिन उनकी पत्नी लवली आनंद जदयू के टिकट पर शिवहर से लोकसभा सांसद हैं। वहीं बेटे चेतन आनंद भी पिता आनंद मोहन के नक्शे कदम पर हैं। माना जाता है कि राजद सांसद मनोज कुमार झा के ठाकुर का कुआं कविता ने आनंद मोहन परिवार को राजद से दूर करने में अहम भूमिका निभाई। राजपूत जाति से आने वाले आनंद मोहन को ये कविता और राजद का स्टैंड नागवार गुजरा। इसके बाद चेतन आनंद ने तेजस्वी और लालू का साथ छोड़ दिया। इस विधानसभा चुनाव में नबीनगर से चेतन आनंद को राजद के आमोद चंद्रवंशी और जनसुराज पार्टी की अर्चना चंद्रा से दोहरी चुनौती मिली है।
जानिए चेतन आनंद और उनके विरोधियों के बारे में
चेतन आनंद अपने जमाने के बाहुबली रहे आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। आनंद मोहन सिंह वो नेता हैं जिनकी एंट्री मुन्ना शुक्ला के भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की हत्या के बाद हुई। उनके इस हत्याकांड में सामने आने के बाद उत्तर बिहार में पहली बार भूमिहार और राजपूत जाति के दबंग से लेकर नेता तक एक हो गए। हालांकि आनंद मोहन सजा पाने के बाद चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहे। लेकिन उनकी पत्नी लवली आनंद जदयू के टिकट पर शिवहर से लोकसभा सांसद हैं। वहीं बेटे चेतन आनंद भी पिता आनंद मोहन के नक्शे कदम पर हैं। माना जाता है कि राजद सांसद मनोज कुमार झा के ठाकुर का कुआं कविता ने आनंद मोहन परिवार को राजद से दूर करने में अहम भूमिका निभाई। राजपूत जाति से आने वाले आनंद मोहन को ये कविता और राजद का स्टैंड नागवार गुजरा। इसके बाद चेतन आनंद ने तेजस्वी और लालू का साथ छोड़ दिया। इस विधानसभा चुनाव में नबीनगर से चेतन आनंद को राजद के आमोद चंद्रवंशी और जनसुराज पार्टी की अर्चना चंद्रा से दोहरी चुनौती मिली है।
You may also like

1996 से 2025... जानें दिल्ली में कब-कब हुए धमाके और क्या हुआ एक्शन

'हीमैन' धर्मेंद्र के निधन पर स्तब्ध हुए अमिताभ बच्चन, तड़के 3:38 बजे किया पोस्ट तो भावुक फैंस बोले- चला गया वीरू

दिल्ली धमाका: अब तक नहीं मिले इन चार सवालों के जवाब

विधानसभा उपचुनाव: 7 राज्यों की 8 सीटों पर वोटिंग जारी, तेलंगाना की जुबली हिल्स से 58 उम्मीदवार मैदान में

टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल डिवीजन की आ गई लिस्टिंग डेट, जानिए पूरी डिटेल




