अनुराग कश्यप की साल 2012 में रिलीज 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' ने बड़े पर्दे पर हिंदी सिनेमा का कलेवर और फ्लेवर दोनों बदल दिया था। देसी बोली, ठेठ अंदाज में बनी सीरीज की दोनों ही फिल्में कल्ट साबित हुईं। इसके बाद अनुराग बतौर डायरेक्टर लीक से हटकर कई बेहतरीन फिल्में लेकर आए, फिर चाहे वह 'अगली' हो, 'रमन राघव 2.0' हो या फिर 'मुक्काबाज' और 'मनमर्जियां', ये वो फिल्में हैं जिन्हें अलहदा फिल्में पसंद करने वालों ने तारीफ तो खूब दी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इनमें से कोई भी कमाल नहीं दिखा पाई। कुछ ऐसा ही हाल, इसी साल सितंबर पर रिलीज 'निशानची' का भी हुआ। यह फिल्म 13 साल पुराने उसी 'वासेपुर' स्टाइल की है, लेकिन दर्शकों ने इसे सिनेमाघरों में पानी तक नहीं पूछा। हालांकि, जिन्होंने देखा, उन्होंने तारीफ जरूर की। अब यह फिल्म OTT पर रिलीज हो रही है।
IMDb पर अनुराग कश्यप के डायरेक्शन में बनी ' निशानची' को 6.6 रेटिंग मिली है, जो इसे औसत से बेहतर फिल्म का दर्जा देती है। बाला साहब ठाकरे के पोते ऐश्वर्य ठाकरे ने डबल रोल में इस फिल्म से डेब्यू किया है। साथ में वेदिका पिंटो, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अय्यूब और विनीत कुमार सिंह जैसे मंझे हुए कलाकार हैं। लेकिन अफसोस कि बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म देश में 1.31 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन ही कर पाई और डिजास्टर साबित हुई।
'निशानची' की कहानी
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की कहानी जहां झारखंड के वासेपुर की थी, वहीं 'निशानची' की कहानी कानपुर की है। यह क्राइम ड्रामा दो जुड़वां भाइयों की कहानी है, जो अपराध, प्यार और भाग्य के बीच उलझे हुए हैं। कहानी के केंद्र में ऐश्वर्या ठाकरे के जुड़वां भाइयों के किरदार- बबलू और डबलू हैं। फिल्म दो टाइम लाइन में चलती है। एक आज और एक बीता हुआ कल। तो होता ये है कि वर्तमान में, बबलू और डबलू, रिंकू (वेदिका पिंटो) के साथ मिलकर एक बैंक डकैती की कोशिश करते हैं। लेकिन फेल हो जाते हैं। बबलू पकड़ा जाता है और उसे 10 साल की जेल हो जाती है। इधर, रिंकू जिसने अपने पिता को खो दिया है, मजबूरी में नौटंकी में नाचने का काम करने लगती है। बबलू को रिंकू से जुनून वाला प्यार है।
कहानी अब बीते हुए कल में गोता लगाती है, जहां बबलू-डबलू के माता पिता मंजरी (मोनिका पंवार) और जबरदस्त सिंह (विनीत कुमार सिंह) हैं। मंजरी एक स्टेट-लेवल की निशानेबाज थी और जबरदस्त सिंह अखाड़े का पहलवान। राजनीति, भाई-भतीजावाद और धोखेबाजी ने इन दोनों के सपनों को कुचल दिया। जबरदस्त सिंह का सबसे करीबी दोस्त अंबिका प्रसाद (कुमुद मिश्रा) उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभरा। वह असली आस्तीन का सांप था, जिसने जबरदस्त सिंह की हत्या करवाई। उसकी नजर सिर्फ संपत्ति पर ही नहीं, बल्कि विधवा मंजरी पर भी थी।
'निशानची' का ट्रेलर
फिल्म फिर से वर्तमान में लौटती है। बबलू और डबलू इन सच्चाइयों से अनजान हैं। दोनों अपराध के दलदल में उसी अंबिका प्रसाद के लिए काम करने लगते हैं। लेकिन अंबिका प्रसाद को अच्छे से पता है कि वह क्या कर रहा है। वह अखाड़े के मुखिया (राजेश कुमार) का खून बबलू से करवाता है और उसे जेल भिजवाता है। जेल से छूटा बबलू बेलगाम हो चुका है। वह रिंकू की दीवानगी में पागल हो चुका है। जबकि उसी के सिर रिंकू के पिता की हत्या का पाप है। कहानी में तब ट्विस्ट आता है, जब बबलू अपनी प्यार रिंकू के लिए अंबिका प्रसाद से बगावत कर बैठता है। यह विद्रोह अंबिका के साम्राज्य में भूचाल ला देता है। आगे की कहानी हर मोड़ पर खतरनाक हो जाती है।
'निशानची' OTT रिलीज: कब और कहां देखें
यदि आपको 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' पसंद आई थी, तो अनुराग कश्यप के डायरेक्शन में बनी 'निशानची' भी दिल को भा जाएगी। अगर आप डार्क सिनेमा और अनुराग के क्राफ्ट के मुरीद हैं, तो यह फिल्म अब घर बैठे देख सकते हैं। 'निशानची' इसी हफ्ते 14 नवंबर 2025 को Prime Video पर रिलीज हो रही है।
IMDb पर अनुराग कश्यप के डायरेक्शन में बनी ' निशानची' को 6.6 रेटिंग मिली है, जो इसे औसत से बेहतर फिल्म का दर्जा देती है। बाला साहब ठाकरे के पोते ऐश्वर्य ठाकरे ने डबल रोल में इस फिल्म से डेब्यू किया है। साथ में वेदिका पिंटो, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान अय्यूब और विनीत कुमार सिंह जैसे मंझे हुए कलाकार हैं। लेकिन अफसोस कि बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म देश में 1.31 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन ही कर पाई और डिजास्टर साबित हुई।
'निशानची' की कहानी
'गैंग्स ऑफ वासेपुर' की कहानी जहां झारखंड के वासेपुर की थी, वहीं 'निशानची' की कहानी कानपुर की है। यह क्राइम ड्रामा दो जुड़वां भाइयों की कहानी है, जो अपराध, प्यार और भाग्य के बीच उलझे हुए हैं। कहानी के केंद्र में ऐश्वर्या ठाकरे के जुड़वां भाइयों के किरदार- बबलू और डबलू हैं। फिल्म दो टाइम लाइन में चलती है। एक आज और एक बीता हुआ कल। तो होता ये है कि वर्तमान में, बबलू और डबलू, रिंकू (वेदिका पिंटो) के साथ मिलकर एक बैंक डकैती की कोशिश करते हैं। लेकिन फेल हो जाते हैं। बबलू पकड़ा जाता है और उसे 10 साल की जेल हो जाती है। इधर, रिंकू जिसने अपने पिता को खो दिया है, मजबूरी में नौटंकी में नाचने का काम करने लगती है। बबलू को रिंकू से जुनून वाला प्यार है।
कहानी अब बीते हुए कल में गोता लगाती है, जहां बबलू-डबलू के माता पिता मंजरी (मोनिका पंवार) और जबरदस्त सिंह (विनीत कुमार सिंह) हैं। मंजरी एक स्टेट-लेवल की निशानेबाज थी और जबरदस्त सिंह अखाड़े का पहलवान। राजनीति, भाई-भतीजावाद और धोखेबाजी ने इन दोनों के सपनों को कुचल दिया। जबरदस्त सिंह का सबसे करीबी दोस्त अंबिका प्रसाद (कुमुद मिश्रा) उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभरा। वह असली आस्तीन का सांप था, जिसने जबरदस्त सिंह की हत्या करवाई। उसकी नजर सिर्फ संपत्ति पर ही नहीं, बल्कि विधवा मंजरी पर भी थी।
'निशानची' का ट्रेलर
फिल्म फिर से वर्तमान में लौटती है। बबलू और डबलू इन सच्चाइयों से अनजान हैं। दोनों अपराध के दलदल में उसी अंबिका प्रसाद के लिए काम करने लगते हैं। लेकिन अंबिका प्रसाद को अच्छे से पता है कि वह क्या कर रहा है। वह अखाड़े के मुखिया (राजेश कुमार) का खून बबलू से करवाता है और उसे जेल भिजवाता है। जेल से छूटा बबलू बेलगाम हो चुका है। वह रिंकू की दीवानगी में पागल हो चुका है। जबकि उसी के सिर रिंकू के पिता की हत्या का पाप है। कहानी में तब ट्विस्ट आता है, जब बबलू अपनी प्यार रिंकू के लिए अंबिका प्रसाद से बगावत कर बैठता है। यह विद्रोह अंबिका के साम्राज्य में भूचाल ला देता है। आगे की कहानी हर मोड़ पर खतरनाक हो जाती है।
'निशानची' OTT रिलीज: कब और कहां देखें
यदि आपको 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' पसंद आई थी, तो अनुराग कश्यप के डायरेक्शन में बनी 'निशानची' भी दिल को भा जाएगी। अगर आप डार्क सिनेमा और अनुराग के क्राफ्ट के मुरीद हैं, तो यह फिल्म अब घर बैठे देख सकते हैं। 'निशानची' इसी हफ्ते 14 नवंबर 2025 को Prime Video पर रिलीज हो रही है।
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