Next Story
Newszop

4.35 लाख करोड़ के कर्जे में सरकार, एक नागरिक पर 54,375 रुपये का बोझ, जीतू पटवारी ने उठाए सवाल

Send Push
भोपाल: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। मोहन सरकार ने राज्य को कर्ज के गहरे दलदल में धकेल दिया है। पटवारी ने कहा कि राज्य पर मार्च 2024 तक कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये था, जो मार्च 2025 में बढ़कर 4.21 लाख करोड़ रुपये हो गया और जुलाई 2025 तक यह आंकड़ा 4.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार नए ऋण ले रही है।



पूर्व सीएम शिवराज पर लगाए आरोप

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गए और दिल्ली चले गए। अब मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं और हर महीने नए ऋण ले रहे हैं। पटवारी ने कहा कि राज्य की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गई है कि सरकार केवल ब्याज चुकाने के लिए कर्ज ले रही है। अनुमानों के अनुसार, वर्तमान ऋण पर वार्षिक ब्याज भुगतान लगभग 29,700 करोड़ रुपये है।



बीजेपी की नीतियों पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि बीजेपी की गलत नीतियों ने राज्य की आर्थिक रीढ़ तोड़ दी है। पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने सिर्फ 162 दिनों में 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लिया है। पीसीसी चीफ ने कहा कि औसतन, राज्य हर दिन लगभग 154 करोड़ रुपये का कर्ज ले रहा है। हर हफ्ते यह आंकड़ा 1,078 करोड़ रुपये है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक नागरिक पर कर्ज का प्रति व्यक्ति बोझ 54,375 रुपये है।



कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज ले रही सरकार

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज ले रही है। पटवारी ने कहा, 'आज स्थिति इतनी विकट है कि सरकार को पिछले ऋणों पर ब्याज चुकाने के लिए भी नए ऋण लेने पड़ रहे हैं। औसतन, राज्य हर दिन लगभग 154 करोड़ रुपये का कर्ज ले रहा है। हर हफ्ते यह आंकड़ा 1,078 करोड़ रुपये है।'



एक नागरिक पर 50 हजार से ज्यादा का कर्ज

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक नागरिक पर कर्ज का प्रति व्यक्ति बोझ 54,375 रुपये है। मध्य प्रदेश की आबादी लगभग 8 करोड़ है। वर्तमान कुल ऋण 4.35 लाख करोड़ रुपये है। यानी, प्रत्येक नागरिक पर औसतन 54,375 रुपये का कर्ज है। हर नागरिक को 'बीजेपी नेताओं की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार' का बोझ उठाना होगा। यह कर्ज कौन चुकाएगा? क्या राज्य के लोगों को हमेशा कर्ज और ब्याज का बोझ उठाना पड़ेगा? बीजेपी नेताओं की विलासिता की राजनीति के लिए लोगों को क्यों भुगतान करना चाहिए?'

Loving Newspoint? Download the app now