नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पटाखों को लेकर नए नियम लागू करने के लिए अलग-अलग विभागों को अपने काम सौंपे जा रहे हैं। पर्यावरण विभाग के अधिकारी के अनुसार, पटाखों के नियमों को लागू करने के इनफोर्समेंट प्लान में दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी, रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीमें काम कर रही हैं। साथ ही लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। पटाखों से जुड़ी शिकायतें लोग ग्रीन दिल्ली ऐप और समीर ऐप पर भी कर सकते हैं।
क्या है ग्रीन कैकर्सः ग्रीन क्रैकर्स सबसे पहले CSIR-NEERI ने 2018 में बनाए थे। इसके तीन प्रकार सामने आए थे। इनमें SWAS (safe water and air releaser) शामिल है। यह जलाने के बाद छोटी पानी की बूंदे छोड़ता है जो धूल सोख लेती हैं। दूसरा प्रकार SAFAL (SAFE minimal aluminium) है। इसमें सुरक्षित मात्रा में एल्यूमीनियम रहता है और यह शोर कम करता है। तीसरा प्रकार STAR (Safe Thermite Cracker) है। इसमें पोटैशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होता और यह कम धुंआ करते हैं। ग्रीन क्रैकर्स पारपरिक पटाखों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक कम प्रदूषण करते हैं।
ग्रीन पटाखों को लेकर है कई चुनौतियां
राजधानी में करीब 150 स्थाई पटाखों के लाइसेंस धारक हैं। पटाखा विक्रेता एन गुप्ता के अनुसार, पूर्व में दिवाली के दौरान करीब 450 से 500 अस्थाई लाइसेंस पटाखों के दिए जाते थे। इसके आवेदन दिवाली से एक महीने पहले लिए जाते थे।
पारंपरिक पटाखे कितना करते हैं प्रदूषण
क्या है ग्रीन कैकर्सः ग्रीन क्रैकर्स सबसे पहले CSIR-NEERI ने 2018 में बनाए थे। इसके तीन प्रकार सामने आए थे। इनमें SWAS (safe water and air releaser) शामिल है। यह जलाने के बाद छोटी पानी की बूंदे छोड़ता है जो धूल सोख लेती हैं। दूसरा प्रकार SAFAL (SAFE minimal aluminium) है। इसमें सुरक्षित मात्रा में एल्यूमीनियम रहता है और यह शोर कम करता है। तीसरा प्रकार STAR (Safe Thermite Cracker) है। इसमें पोटैशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होता और यह कम धुंआ करते हैं। ग्रीन क्रैकर्स पारपरिक पटाखों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक कम प्रदूषण करते हैं।
ग्रीन पटाखों को लेकर है कई चुनौतियां
राजधानी में करीब 150 स्थाई पटाखों के लाइसेंस धारक हैं। पटाखा विक्रेता एन गुप्ता के अनुसार, पूर्व में दिवाली के दौरान करीब 450 से 500 अस्थाई लाइसेंस पटाखों के दिए जाते थे। इसके आवेदन दिवाली से एक महीने पहले लिए जाते थे।
पारंपरिक पटाखे कितना करते हैं प्रदूषण
- मध्यम आकार का एक अनार 30 सिगरेट के बराबर धुआं करता है
- एक मध्यम आकार की फुलझड़ी या पैसिल 50 सिगरेट के बराबर धुआं करती है
- पटाखों की लड़ी 70 सिगरेट के बराबर धुआं करती है
- एक मध्यम आकार की चकरी 30 सिगरेट के बराबर धुआं करती है
- ऐसे में ग्रीन कैकर्स 30 से 40 प्रतिशत प्रदूषण कम करके भी सेहत के लिए हानिकारक हैं
You may also like
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया में रोहित और विराट में भी होगी जंग, एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए लगाए जोर
भारत के इस पड़ोसी देश में गाय भैंस नहीं बल्कि` लोग घरों में पालते हैं खूंखार मगरमच्छ, इसका मांस बेच करते हैं मोटी कमाई
झारखंड : जुगसलाई फायरिंग कांड का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, देशी पिस्टल बरामद
अटल आवासीय विद्यालय में 'निराश्रित' की जगह अब विद्यार्थी कहलाएंगे 'राज्याश्रित'
अब 2 साल नहीं, सिर्फ 18 महीने ही ब्रिटेन में जॉब कर पाएंगे स्टूडेंट्स, वर्क वीजा की अवधि घटी