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बिहार ने दूसरे चरण में भी रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग से रचा इतिहास, इन 7 जिलों में 70% से अधिक मतदान

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नई दिल्ली : बिहार ने पहले चरण के बाद मंगलवार को हुए दूसरे चरण में भी रिकॉर्डतोड़ वोटिंग कर इतिहास रच दिया। दोनों चरण में करीब 67 फीसदी मतदान हुआ। जिसमें पहले चरण में 65.08 फीसदी और दूसरे चरण में 68.74 प्रतिशत मतदान हुआ। आजादी के बाद बिहार में इतनी अधिक वोटिंग कभी नहीं हुई। चुनाव आयोग के आंकड़ों मुताबिक दूसरे चरण में 68.74 फीसदी वोटिंग हुई। जो की ऐतिहासिक है। हालांकि, हिस्ट्री बनाने वाले इस आंकड़े में एक अहम योगदान एसआईआर का भी है। इसमें मृत, लापता, डुप्लिकेट, परमानेंट शिफ्टिंग होने जैसे करीब 70 लाख वोट डिलीट हुए। इससे भी वोटिंग परसेंटेज बढ़ने में बड़ी मदद मिली।

वोट देने में महिलाएं रहीं आगे
चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण में हुई वोटिंग में भी महिलाओं ने पुरूषों के मुकाबले अधिक मतदान किया। दूसरे चरण में 1.74 करोड़ महिला वोटरों में से करीब 71 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले। जबकि 1.95 करोड़ से अधिक पुरुष वोटरों में से 62 फीसदी से अधिक पुरुषों ने वोट डाले। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में हुए चुनावों में दूसरे चरण में 22 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ।


वोटिंग डेटा

जबकि 1951-52 से 2024 तक बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक 64.60 फीसदी मतदान 1998 में हुआ था।

7 जिलों में 70 फीसदी से अधिक वोटिंग
इसमें सात जिले ऐसे रहे। जहां 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। इसमें सबसे अधिक 78.60 वोटिंग कटिहार जिले में हुई। दूसरे नंबर पर किशनगंज जिला रहा। जहां वोटिंग तो 78 फीसदी से अधिक हुई, लेकिन कटिहार से थोड़ा कम। इन जिलों में पूर्णिया की कसबा और किशनगंज की ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर तो 81 फीसदी से अधिक वोट डले।

दूसरे चरण की वोटिंग के लिए 122 विधानसभा सीटों पर 1302 उम्मीदवार मैदान में थे। इसमें तीन करोड़ 70 लाख से अधिक वोटर थे। चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण का वोटिंग परसेंटेज थोड़ा बहुत बढ़ सकता है। अभी कुछ आंकड़े सिस्टम में अपलोड किए जा रहे हैं। छिटपुट घटनाओं को छोड़ते हुए चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। अब 14 नवंबर को काउंटिंग होगी।
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