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देश की इकलौती ट्रेन जो खिलाती है नाश्ते से लेकर डिनर तक फ्री में खाना, कुल 6 जगह लगता है लंगर

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भारतीय रेलवे हर रोज करीबन करोड़ों की संख्या में लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाती है, जाहिर है इतनी बड़ी संख्या में लोगों को लाने ले जाने में भी हजारों ट्रेन की जरूरत पड़ती है, ऐसे में कुल 13,452 ट्रेनों को रेलवे ने लगा रखा है। इनमें कुछ लग्जरी ट्रेनें हैं, तो कुछ सुपरफास्ट ट्रेनें हैं, तो कुछ ऐसी हैं जिनमें आम इंसान सस्ती टिकट लेकर आराम से बैठकर जा सकता है। लेकिन इन हजारों ट्रेनों में केवल एक ट्रेन ऐसी है, जिसमें यात्रियों को फ्री में खाना परोसा जाता है। इसका मतलब है कि ये ट्रेन ना केवल आपको सफर का मजा दिलाती है, बल्कि रास्ते में आपको फ्री में ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी कराती है। चलिए आपको इस ट्रेन के बारे में बताते हैं।
रेलवे में मिलता है फ्री का खाना image

रेलवे की ये खास ट्रेन देश के 2 फेमस स्थलों के बीच चलती है और श्रद्धालुओं को दर्शन कराती है। ट्रेन के यात्रियों को पिछले 29 साल से फ्री में खाना परोसा जा रहा है। वैसे ये भारतीय रेलवे अपने सभी यात्रियों को चलती ट्रेन में खाना देती है, लेकिन ये सुविधा पैसे से ली जाती हैं, मतलब आपको पैसे देने हैं और अपने लिए खाने का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन केवल यही एक इकलौती ऐसी ट्रेन है, जो आपको बिना किसी पैसे के ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक सब फ्री में देती है, आप सफर में हैं हैं।


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हम जिस ट्रेन की बात कर रहे हैं, वो कोई और नहीं बल्कि महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर से पंजाब के अमृतसर शहर तक जाती है। ट्रेन का नाम सचखंड एक्सप्रेस (12715) है। ट्रेन अमृतसर के बड़े धार्मिक स्थल श्री हरमंदर साहिब गुरुद्वारा से जाती है फिर महाराष्‍ट्र के नांदेड़ जिले में स्थित श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा पहुंचती है। बता दें, नांदेड़ में ही सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी का निधन हुआ था, ये ट्रेन इन दोनों ही धार्मिक स्थलों के बीच सफर को पूरा करती है।


6 जगह पर परोसते हैं खाना image

सचखंड एक्‍सप्रेस ट्रेन 2,000 किलोमीटर की दूरी को तय करती है और इस दौरान 39 स्टेशनों पर इसका ठहराव रहता है। यात्रा के समय 6 पड़ाव पर लंगर लगता है, यहां यात्रियों को फ्री में खाना दिया जाता है, ये पड़ाव नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलावा भोपाल, परभनी, जालना, औरंगाबाद और मराठवाड़ा हैं। ट्रेन इस सफर को पूरा करने के लिए करीबन 33 घंटे का समय लेती है।


कौन उठाता है खाने का खर्च image

ट्रेन का स्टॉपेज भी इस हिसाब से रखते हैं कि यात्री आराम से खाने का लुत्फ उठा सके। ट्रेन में खाने का मेन्यू बदलता रहता है, लेकिन अधिकतर समय आपको कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी और आलू-गोभी या दूसरी सब्जी परोसी जाती है। इस पर आने वाला खर्चा गुरद्वारों को मिलने वाले दान के जरिए इस्तेमाल होता है। फ्री लंगर का लुत्फ उठाने के लिए ट्रेन में जनरल से लेकर एसी बोगी तक के यात्री अपने साथ बर्तन लेकर जाते हैं।

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