इस्लामाबाद: पाकिस्तान की मौजूदा सरकार को देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में हाइब्रिड गवर्मेंट कहा है। हाइब्रिड से उनका मतलब एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें सैन्य नेतृत्व और नागरिक सरकार मिलकर फैसले लेते हैं। हालांकि इस हाइब्रिड सरकार पर अब संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। असीम मुनीर के सेवा विस्तार को लेकर सरकार और सेना कथित तौर पर एक मंच पर नहीं हैं। इससे इस्लामाबाद में नई राजनीतिक उथलपुथल की संभावना पैदा गई है।
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से की गई रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के कार्यकाल विस्तार के कुछ मुद्दों पर शहबाज सरकार राजी नहीं है। पाकिस्तान सरकार नई अधिसूचना जारी नहीं कर रही है। सरकार का कहना है कि कार्यकाल पहले ही 2027 तक बढ़ा दिया गया है तो नई अधिसूचना जरूरी नहीं है। असीम मुनीर 2030 तक विस्तार के लिए नई अधिसूचना चाहते हैं। इस पर रावलपिंडी (सेना हेडक्वार्टर) और इस्लामाबाद (राजधानी) में तनाव है।
दोनों पक्षों की अपनी कोशिशशीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच तनातनी मुनीर के कार्यकाल के अलावा नई सरकार नियंत्रण को लेकर है। पांच साल के नए कार्यकाल की मांग को पाकिस्तान की आने वाली सरकार पर दबदबा रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। ऐसे में ंमौजदूा सरकार चाहती है कि उनका कार्यकाल 2027 तक ही रहे।
पीएमएल-एन (पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी) के लिए मुनीर के दो साल के विस्तार का प्रस्ताव एक तरह से अस्तित्व बचाने की रणनीति है। सूत्रों का दावा है कि असीम मुनीर का कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ाने से उनके प्रभाव पर लगाम लगाना असंभव हो जाएगा। वह सत्ता प्रतिष्ठान पर हावी हो जाएंगे और बहुत खुलकर राजनीतिक खेल खेलेंगे।
शरीफ को फिर सत्ता में लाने का वादा!सूत्रों का दावा है कि मुनीर ने पीएमएल-एन को फिर से सत्ता में लाने का वादा किया है। इस पर शरीफ की पार्टी भरोसा नहीं कर पा रही है। पीएमएल-एन ने इसके विकल्प में नया फॉर्मूला सुझाया है। पीएमएलएन का कहना है कि उन्हें अभी दो साल का कार्यकाल दिया जाए। हालांकि पार्टी 2027 से पांच साल का अतिरिक्त कार्यकाल देने का वादा कर रही है।
पीएमएल-एन के प्रस्ताव के पीछे की रणनीति पाकिस्तानी सेना प्रमुख का विस्तारित कार्यकाल 2027 में पूरा होने से पहले चुनाव कराने की है। उन्होंने कहा कि इसके बाद सत्ता में आने के बाद उन्हें पांच साल का विस्तार देने पर काम करेंगे। इस पर अपनी-अपनी चालबाजी शुरू हो गई है। मुनीर ने कतर सहित विदेशी ताकतों से समर्थन मांगा है।
सेना के विरोध को किया मैनेजअसीम मुनीर ने अपने कार्यकाल विस्तार पर सेना के शीर्ष स्तर पर पहले ही मोहरे सेट कतर दिए हैं। मुनीप ने अपने युवा जनरलों को प्रमुख भूमिकाओं में तैनात कर दिया है। साथ ही वह वरिष्ठता संबंधी किसी समस्या से बचने के लिए जल्द ही कुछ शीर्ष कोर कमांडरों को बदलने की योजना बना रहे हैं। इससे सेना में उनको लेकर विरोध नहीं है।
मुनीर ने ISI महानिदेशक जनरल असीम मलिक को अनिश्चित काल तक सेवा विस्तार दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अहसन नवाज को जीएचक्यू में सैन्य सचिव बनाया गया था। कई दूसरे अफसरों को भी अच्छे पद दिए गए हैं। ऐसे में अब मुनीर के सामने सिर्फ शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी नेताओं को मनाने की चुनौती है।
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से की गई रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के कार्यकाल विस्तार के कुछ मुद्दों पर शहबाज सरकार राजी नहीं है। पाकिस्तान सरकार नई अधिसूचना जारी नहीं कर रही है। सरकार का कहना है कि कार्यकाल पहले ही 2027 तक बढ़ा दिया गया है तो नई अधिसूचना जरूरी नहीं है। असीम मुनीर 2030 तक विस्तार के लिए नई अधिसूचना चाहते हैं। इस पर रावलपिंडी (सेना हेडक्वार्टर) और इस्लामाबाद (राजधानी) में तनाव है।
दोनों पक्षों की अपनी कोशिशशीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बीच तनातनी मुनीर के कार्यकाल के अलावा नई सरकार नियंत्रण को लेकर है। पांच साल के नए कार्यकाल की मांग को पाकिस्तान की आने वाली सरकार पर दबदबा रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। ऐसे में ंमौजदूा सरकार चाहती है कि उनका कार्यकाल 2027 तक ही रहे।
पीएमएल-एन (पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी) के लिए मुनीर के दो साल के विस्तार का प्रस्ताव एक तरह से अस्तित्व बचाने की रणनीति है। सूत्रों का दावा है कि असीम मुनीर का कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ाने से उनके प्रभाव पर लगाम लगाना असंभव हो जाएगा। वह सत्ता प्रतिष्ठान पर हावी हो जाएंगे और बहुत खुलकर राजनीतिक खेल खेलेंगे।
शरीफ को फिर सत्ता में लाने का वादा!सूत्रों का दावा है कि मुनीर ने पीएमएल-एन को फिर से सत्ता में लाने का वादा किया है। इस पर शरीफ की पार्टी भरोसा नहीं कर पा रही है। पीएमएल-एन ने इसके विकल्प में नया फॉर्मूला सुझाया है। पीएमएलएन का कहना है कि उन्हें अभी दो साल का कार्यकाल दिया जाए। हालांकि पार्टी 2027 से पांच साल का अतिरिक्त कार्यकाल देने का वादा कर रही है।
पीएमएल-एन के प्रस्ताव के पीछे की रणनीति पाकिस्तानी सेना प्रमुख का विस्तारित कार्यकाल 2027 में पूरा होने से पहले चुनाव कराने की है। उन्होंने कहा कि इसके बाद सत्ता में आने के बाद उन्हें पांच साल का विस्तार देने पर काम करेंगे। इस पर अपनी-अपनी चालबाजी शुरू हो गई है। मुनीर ने कतर सहित विदेशी ताकतों से समर्थन मांगा है।
सेना के विरोध को किया मैनेजअसीम मुनीर ने अपने कार्यकाल विस्तार पर सेना के शीर्ष स्तर पर पहले ही मोहरे सेट कतर दिए हैं। मुनीप ने अपने युवा जनरलों को प्रमुख भूमिकाओं में तैनात कर दिया है। साथ ही वह वरिष्ठता संबंधी किसी समस्या से बचने के लिए जल्द ही कुछ शीर्ष कोर कमांडरों को बदलने की योजना बना रहे हैं। इससे सेना में उनको लेकर विरोध नहीं है।
मुनीर ने ISI महानिदेशक जनरल असीम मलिक को अनिश्चित काल तक सेवा विस्तार दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अहसन नवाज को जीएचक्यू में सैन्य सचिव बनाया गया था। कई दूसरे अफसरों को भी अच्छे पद दिए गए हैं। ऐसे में अब मुनीर के सामने सिर्फ शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी नेताओं को मनाने की चुनौती है।
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