News India Live, Digital Desk: तिरुवनंतपुरम: केरल के वन क्षेत्रों में जंगली जानवरों के खतरे के मद्देनजर राज्य सरकार ने जंगली जानवरों को मारने के लिए केंद्र से अनुमति मांगने का निर्णय लिया है, जो राज्य में लोगों के जीवन और संपत्ति के लिए खतरा बने हुए हैं। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन करके राज्य को जंगली सूअर जैसे जानवरों को हानिकारक जानवर घोषित करने और अनियंत्रित रूप से प्रजनन करने वाली प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पहले यह राय व्यक्त की थी कि विनियमित शिकार की अनुमति देने के लिए केंद्रीय कानून में संशोधन किया जाना चाहिए।
को सशर्त मारने की अनुमति देता है जो कृषि को नुकसान पहुंचाते हैं तथा जान-माल के लिए खतरा पैदा करते हैं। ये अधिकार मूल रूप से मुख्य वन्यजीव वार्डन के पास थे, लेकिन सरकारी आदेशों के माध्यम से मानद वन्यजीव वार्डन और अन्य अधिकृत अधिकारियों को सौंप दिए गए थे। अब कैबिनेट ने इन आदेशों की वैधता को एक साल और बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
जंगली सूअर, बंदर, हाथी, तेंदुए और बाइसन के खेतों और रिहायशी इलाकों में घुसने की घटनाएं आम होती जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर लोग घायल हो जाते हैं, जान गंवा देते हैं और बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो जाती हैं।
किसानों और स्थानीय लोगों ने समय पर हस्तक्षेप और मुआवज़ा न मिलने पर बार-बार चिंता जताई है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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