हॉटवाइफिंग ट्रेंड: भारत में जहां शादी और रिश्तों को बहुत महत्व दिया जाता है, वहीं पति या पत्नी का किसी और के साथ संबंध बनाना नैतिक रूप से गलत माना जाता है। लेकिन अब देश में हॉटवाइफिंग का चलन जोर पकड़ रहा है। फैशन में बढ़ रहा यह हॉटवाइफिंग ट्रेंड एक नया चलन है जो कपल्स के बीच आपसी सहमति के आधार पर होता है। हॉटवाइफिंग कल्चर कितना सही है, इस पर एक्सपर्ट्स ने भी अपनी राय जाहिर की है।
ज़्यादातर जोड़े अब हॉटवाइफ़ कल्चर को अपना रहे हैं। उन्हें खुद तय करना होगा कि यह सही है या गलत। इस हॉटवाइफ़ कल्चर के पीछे ऐसे लोग हैं जो मोनोगैमी का अभ्यास नहीं करते हैं। इसका मतलब है कि पति या पत्नी अपने साथी की सहमति से किसी और के साथ संबंध बनाते हैं। यह संस्कृति केवल यौन उद्देश्यों के लिए प्रचलित है। कुछ लोग इस चलन को अपनाकर लंबे समय से अपने रिश्ते को जारी रख रहे हैं। विशेषज्ञों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है और कहा है कि भारत जैसे देश में इस संस्कृति का चलन बनना बेमानी है।
हॉटवाइफिंग क्या है?
हॉटवाइफरी एक तरह का सहमति से बनाया गया संबंध है। एक विवाहित महिला जिसे हॉटवाइफ कहते हैं, अपने पति के अलावा अन्य पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाती है। इस बात की जानकारी उसके पति को भी होती है। उसका पति भी इसमें शामिल होता है। यह संस्कृति विदेशों में पहले से ही प्रचलित है। यह विदेशी संस्कृति अब भारत के मेट्रो शहरों में भी चलन में है।
भारत में शादी, रिश्ते और पति-पत्नी के बीच अंतरंगता का खास महत्व है। लेकिन यह हॉटवाइफ कल्चर भारतीय जोड़ों के जीवन में तूफान मचा रहा है। क्योंकि जब पति-पत्नी ऐसे रहते हैं जैसे उनका साथी ही सबकुछ है, तो इस खराब संस्कृति ने रिश्ते को बेकार बना दिया है। भारत में पहले से ही कई तरह की खराब संस्कृतियां चलन में हैं। इसी तरह हॉटवाइफ भी इस समय जोरदार आवाज उठा रही है।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
मनोचिकित्सकों और विशेषज्ञों के अनुसार, हॉटवाइफरी में पति अपनी पत्नी को शारीरिक रूप से संतुष्ट करने और इसके बारे में जानने या अनुभव प्राप्त करने के लिए इस तरह से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह तभी हो सकता है जब आपसी सहमति और विश्वास हो। उनका कहना है कि हॉटवाइफरी रिश्ते में जुनून, विश्वास और यौन तनाव महत्वपूर्ण तत्व हैं। दूसरों का कहना है कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है। उनका मानना है कि ऐसी संस्कृतियाँ तब पैदा होती हैं जब कोई बताने वाला और सुनने वाला नहीं होता ।
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