नई दिल्ली:जब भी हम उत्तर प्रदेश का नाम सुनते हैं,तो हमारे दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?अयोध्या का भव्य राम मंदिर,वाराणसी के पावन घाट,आगरा का खूबसूरत ताजमहल या फिर लखनऊ की नवाबी शान. यानी धर्म,इतिहास और राजनीति.लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी उत्तर प्रदेश में एक ऐसा जिला भी है जिसे'भारत की ऊर्जा राजधानी' (Energy Capital of India)कहा जाता है?जी हां,यह बिल्कुल सच है. यह एक ऐसा जिला है,जो सिर्फ उत्तर प्रदेश को ही नहीं,बल्कि देश के9राज्यों को चौबीसों घंटे रोशन रखता है. यह उत्तर प्रदेश का वो'पावरहाउस'है,जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.तो चलिए,आपको ले चलते हैं यूपी के इस सबसे शक्तिशाली और अनोखे जिले के सफर पर.कोयले का शहर... या कहें'काले सोने'की खानहम बात कर रहे हैंसोनभद्र (Sonbhadra)जिले की. अक्सर लोग इसे मिर्जापुर का हिस्सा समझने की गलती कर देते हैं,लेकिन सोनभद्र अपनी एक अलग और बेहद दमदार पहचान रखता है. इसे'भारत की ऊर्जा राजधानी'का इतना बड़ा नाम यूं ही नहीं मिला.इसके पीछे का राज़ यहाँ की धरती के नीचे दबे 'काले सोने' यानी कोयले के अपार भंडार में छिपा है। भारत का सबसे बड़ा सिंगरौली कोयला क्षेत्र यहीं स्थित है। इसी कोयले की बदौलत यहाँ ताप विद्युत संयंत्रों का एक ऐसा जाल बिछा है, जो देश में शायद ही कहीं और देखने को मिले। एनटीपीसी से लेकर कई निजी कंपनियों के बड़े-बड़े बिजली संयंत्र यहाँ दिन-रात बिजली पैदा करते हैं।यह एक ज़िला 9 राज्यों को रोशन करता हैआपको जानकर हैरानी होगी कि सोनभद्र में पैदा होने वाली हज़ारों मेगावाट बिजली न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश को जाती है, बल्कि यहाँ से दिल्ली समेत 9 अलग-अलग राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है। यह अकेला ज़िला देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में बेहद अहम भूमिका निभाता है। यहाँ की चिमनियों से निकलने वाला धुआँ एक तरह से देश के विकास का पहिया घुमाता है।सोनभद्र सिर्फ़ 'काला' नहीं, 'सुनहरा' भी है!लेकिन सोनभद्र की कहानी सिर्फ़ कोयले और बिजली तक ही सीमित नहीं है। इस ज़िले का एक और पहलू भी है, जो आपको हैरान कर देगा। इसे 'यूपी का स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है।प्रकृति का वरदान: यह ज़िला खूबसूरत कैमूर पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। यहाँ की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी।खूबसूरत झरने: यहाँ मुक्खा जलप्रपात जैसे कई शानदार झरने हैं, जिनकी खूबसूरती मानसून में देखने लायक होती है।भारत का एकमात्र 'छो-राज्य' ज़िलासोनभद्र के नाम एक और अनोखा रिकॉर्ड दर्ज है। यह भारत का एकमात्र ऐसा ज़िला है जिसकी सीमाएँ चार अलग-अलग राज्यों - मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार - से मिलती हैं।इसलिए अगली बार जब कोई उत्तर प्रदेश का ज़िक्र करे, तो याद रखें कि यहाँ सिर्फ़ इतिहास और धर्म ही नहीं, बल्कि प्रकृति की 'ऊर्जा' और 'खजाना' भी बसता है जो देश को रोशन करता है।
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