सरकार ने शहरी खुदरा विक्रेताओं को सस्ती घरेलू प्राकृतिक गैस की आपूर्ति 20 प्रतिशत तक कम कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में अगर इस ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम नहीं किया गया तो वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी की कीमत 4 से 6 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ सकती है.
फिलहाल सरकार सीएनजी पर 14 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाती है, जिसके मुताबिक एक किलो सीएनजी पर 14 से 15 रुपये का चार्ज लगता है.
सूत्रों के मुताबिक, पुराने इलाकों की उपज की कीमत सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसका उपयोग शहरी गैस खुदरा विक्रेताओं द्वारा किया जाता है। इन क्षेत्रों के उत्पादन में सालाना पांच प्रतिशत की गिरावट आ रही है।
इसी वजह से शहरी गैस वितरण कंपनियों का उत्पादन कम हो गया है. सूत्रों ने बताया कि खाना पकाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली गैस सुरक्षित है। सरकार ने सीएनजी के लिए कच्चे माल की सप्लाई कम कर दी है.
मई , 2023 में जू क्षेत्रों से निकलने वाली गैस ने सीएनजी की 90 प्रतिशत मांग को पूरा किया और इसमें लगातार गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर से सीएनजी की मांग को पिछले महीने के 67.74 प्रतिशत से घटाकर केवल 50.75 प्रतिशत करने के लिए आपूर्ति में कटौती की गई है।
शहर के गैस खुदरा विक्रेताओं को इस कमी की भरपाई के लिए आयातित और महंगी एलएनजी खरीदनी पड़ रही है। जिससे सीएनजी की कीमत में चार से छह रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी होने की संभावना है.
पुराने क्षेत्रों से गैस की कीमत 6.50 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) है जबकि आयातित एलएनजी की कीमत 11-12 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है।
You may also like
इतिहास के पन्नों में 22 अक्टूबर : भारत ने चंद्रमा के लिए भरी उड़ान
कर्तव्य पालन करते हुए शहीद पुलिस जवान हमारे लिए प्रेरणाश्रोत : डाॅ अजय पाल शर्मा
पुलिस शहीद दिवस आज : प्रदेशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम, सीकर में हवाई फायर कर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
साल 2024 साउथ अफ्रीका के लिए बन गया ब्लैक ईयर, 4 महीने के अंदर गंवा दी 2 ICC ट्रॉफी, वीडियो में देखें Ind vs NZ सीरीज का हाल
जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनते ही लोगों पर हमला चिंता का विषय : चिराग पासवान