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ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व: जानें कैसे प्रभावित करता है आपका जीवन

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सूर्य ग्रह का ज्योतिष में स्थान


ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, यह पिता का प्रतिनिधित्व भी करता है, जिससे पिता और संतान के बीच का संबंध मीठा और कड़वा दोनों हो सकता है। जब भी कोई राशिफल तैयार किया जाता है, तो सूर्य की स्थिति सबसे पहले देखी जाती है।


सूर्य को सफलता और सम्मान का कारक माना जाता है। यदि सूर्य की स्थिति मजबूत है, तो व्यक्ति अपने जीवन में प्रसिद्धि प्राप्त कर सकता है। जयपुर के पॉल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषी अनीश व्यास ने इस विषय पर अपनी गंभीरता व्यक्त की। एक महिला की कुंडली में सूर्य उसके पति के बाद आता है। ज्योतिष में राशियों को सूर्य के नाम से भी जाना जाता है। यदि कुंडली में सूर्य ग्रहण हो रहा है, तो रविवार को अच्छे परिणाम की संभावना होती है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य सिंह राशि का स्वामी है और मेष राशि में उच्च स्थिति में होता है, जबकि तुला राशि में इसकी स्थिति कमजोर होती है।


सूर्य का मानव जीवन पर प्रभाव

सूर्य हमारे जीवन की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, जो हमें मजबूत बनाए रखता है। सूर्य की गतिविधियाँ प्रकृति के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं, और हम भी इस प्रकृति का हिस्सा हैं। ज्योतिष के अनुसार, जो व्यक्ति कुंडली में सूर्य से प्रभावित होता है, उसका चेहरा गोल और बड़ा होता है, और उसकी आंखों का रंग शहद जैसा होता है।


ज्योतिषी अनीश व्यास के अनुसार, सूर्य किसी व्यक्ति के हृदय का प्रतीक है। कालपुरुष कुंडली में सिंह राशि हृदय का प्रतिनिधित्व करती है। शरीर रचना और ज्योतिष के अनुसार, सूर्य पुरुषों की दाहिनी आंख और महिलाओं की बाईं आंख का संकेत देता है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य प्रभावी है, तो वह अपने जीवन में सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। ऐसे व्यक्ति में अद्भुत साहस और नेतृत्व की क्षमता होती है।


हालांकि, यदि सूर्य की स्थिति कमजोर है, तो व्यक्ति में घमंड और गुस्सा बढ़ सकता है। ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर निराश हो जाते हैं और दूसरों पर भरोसा नहीं कर पाते। उनकी महत्वाकांक्षा और स्वार्थी प्रवृत्तियाँ सामाजिक प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकती हैं।


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