3 जून 2025 का पंचांग: आज ज्येष्ठ माह का तेईसवां दिन है और यह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 52 मिनट 19 सेकंड है, जबकि रात की लंबाई 10 घंटे 7 मिनट 31 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 3 जून के पंचांग के पांच अंगों - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल का समय क्या है?
तिथि
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो 3 जून की रात 09:56 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि का आरंभ होगा।
अष्टमी तिथि भगवान शिव की है और इसे शुभ मुहूर्तों में माना जाता है।
नक्षत्र
आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है, जो 4 जून की सुबह 12:58 बजे तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है, जिसके बाद उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन मंगल देव की पूजा भी की जाती है।
योग
आज हर्षण योग है, जो 3 जून की सुबह 08:09 बजे तक रहेगा। इसके बाद वज्र योग का आरंभ होगा।
इसके साथ ही, आज रवि योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन विशेष बन गया है।
करण
आज 09:10 AM तक विष्टि करण रहेगा, इसके बाद बव करण का आरंभ होगा, जो 3 जून की रात 09:56 बजे तक रहेगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचांग के अनुसार, सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि चंद्रमा सिंह राशि में है।
शुभ-अशुभ काल आज शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:22 AM से 05:23 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:52 AM से 12:47 PM
विजय मुहूर्त: 02:38 PM से 03:34 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:14 PM से 07:35 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:16 PM से 08:16 PM
अमृत काल: 06:02 PM से 07:46 PM
निशिता मुहूर्त: 11:59 PM से 12:40 AM, जून 04
आज अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: 03:48 PM से 05:32 PM
यमगण्ड: 08:51 AM से 10:35 AM
दुर्मुहूर्त: 08:10 AM से 09:05 AM और 11:19 PM से 11:59 PM
गुलिक काल: 12:19 PM से 02:03 PM
वर्ज्य: 07:36 AM से 09:21 AM
भद्रा: 05:23 AM से 09:10 AM
3 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है और यह मंगलवार है। इस दिन हनुमान जी की उपासना की जाती है। भक्तजन इस दिन हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं।
बड़ा मंगल: यह दिन हनुमान जी और भगवान राम की मुलाकात की याद में मनाया जाता है। इस दिन पूजा करने से भक्तों को शुभ फल प्राप्त होते हैं।
यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना करता है।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति बताता है।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व बताता है।
करण: आधे तिथि का सूचक है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: शुभ कार्यों के लिए पंचांग का अनुसरण किया जाता है।
पंचांग की जीवन में भूमिका: यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को सुदृढ़ करता है।
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