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हरियाणा-राजस्थान हाईवे: नूंह से अलवर तक फोरलेन के लिए 480 करोड़ रुपये की स्वीकृति

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हरियाणा-राजस्थान हाईवे का फोरलेन निर्माण

हरियाणा-राजस्थान हाईवे: नूंह से अलवर तक फोरलेन के लिए 480 करोड़ रुपये की स्वीकृति: हरियाणा के नूंह से राजस्थान सीमा तक दिल्ली-अलवर हाईवे 248-A को फोरलेन बनाने का रास्ता अब साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 480 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है।


यह कदम न केवल यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नई दिशा देगा। आइए, इस परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर नज़र डालते हैं।


फोरलेन हाईवे की आवश्यकता

दिल्ली-अलवर हाईवे का नूंह से राजस्थान सीमा तक का 49 किलोमीटर लंबा हिस्सा लंबे समय से खराब स्थिति में था। इस सड़क पर बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं ने न केवल स्थानीय लोगों की जान को खतरे में डाला, बल्कि यात्रियों के लिए भी यह मार्ग परेशानी का कारण बन गया।


गुरुग्राम से नूंह तक यह हाईवे पहले ही फोरलेन बन चुका है, लेकिन नूंह से राजस्थान बॉर्डर तक सड़क की खराब स्थिति के कारण क्षेत्रवासियों में असंतोष था। इस मुद्दे पर सामाजिक संगठनों ने धरने-प्रदर्शन किए, और कुछ युवाओं ने नूंह तक पैदल मार्च भी निकाला।


केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस जर्जर सड़क को फोरलेन बनाने के लिए 480 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है।


इस राशि की मंजूरी से हरियाणा और राजस्थान के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। जैसे ही एक्सपेंडिचर कमेटी से अंतिम स्वीकृति मिलेगी, इस हाईवे का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी लाएगी।


डीपीआर और योजना की प्रक्रिया

इस हाईवे को फोरलेन बनाने की योजना पिछले डेढ़ साल से तैयार की जा रही थी। लोक निर्माण विभाग ने पहले 350 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की थी, जो बाद में 550 करोड़ तक पहुंच गई।


भादस और मालब में बायपास बनाने की योजना के बाद डीपीआर की लागत 926 करोड़ तक पहुंच गई थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने 480 करोड़ रुपये की राशि को मंजूर कर परियोजना को गति दे दी है। यह कदम दर्शाता है कि सरकार विकास को प्राथमिकता देते हुए लागत को नियंत्रित कर रही है।


क्षेत्रवासियों की उम्मीदें

नूंह और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों के लिए यह परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है। फोरलेन हाईवे बनने से न केवल हरियाणा और राजस्थान के बीच आवागमन आसान होगा, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।


सड़क की बेहतर स्थिति से माल ढुलाई में तेजी आएगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परियोजना उनके क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।


सड़क सुरक्षा और विकास का वादा

यह फोरलेन हाईवे न केवल यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि सड़क सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा। जर्जर सड़क के कारण होने वाले हादसों में कमी आएगी, और यात्रा का समय भी बचेगा।


यह परियोजना हरियाणा और राजस्थान के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जिससे दोनों राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा।


भविष्य की राह

केंद्र सरकार का यह निर्णय नूंह और राजस्थान सीमा के निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है। जैसे ही निर्माण कार्य शुरू होगा, यह क्षेत्र एक नए युग में प्रवेश करेगा। यह परियोजना न केवल सड़क को बेहतर बनाएगी, बल्कि लोगों के जीवन को भी आसान और समृद्ध बनाएगी।


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