राजस्थान में मॉनसून ने पूरी ताकत से दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने 23 जून से 27 जून तक राज्य के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के कई हिस्सों में तेज हवाओं, आंधी और भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इससे जहां एक ओर किसानों को राहत मिली है, वहीं निचले इलाकों में जलभराव और नदी-नालों के उफान ने चिंता भी बढ़ा दी है।
कहां-कहां रहेगा बारिश का कहर?मौसम विभाग के अनुसार, कोटा संभाग के बारां, कोटा, बूंदी और झालावाड़ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां 24 घंटे के भीतर 200 मिमी से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
वहीं, जयपुर, भरतपुर, अजमेर और उदयपुर संभाग के भी कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है।
सोमवार सुबह सरदारशहर में हुई भारी बारिश के चलते शहर के मुख्य बाजारों, बीकानेर रोड, पुरानी सब्जी मंडी और स्टेशन रोड जैसे इलाकों में पानी भर गया। जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कोटा जिले में पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिले से होकर गुजरने वाली चंबल, कालीसिंध, परवन और पार्वती नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनती जा रही है, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है।
किसानों के लिए संजीवनी बनी बारिशबारिश का सबसे बड़ा फायदा किसानों को हुआ है। कृषि विभाग ने इस बारिश को खरीफ फसलों की बुआई के लिए मुख्य वर्षा बताया है। ग्वार, मूंग, मोठ और बाजरे जैसी फसलों की बुआई शुरू हो चुकी है। तापमान में गिरावट से मौसम में ठंडक आई है और गर्मी से राहत मिली है। दिन के तापमान में करीब 5 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है।
पर्यटन स्थल भी हुए सक्रियलगातार हो रही बारिश से चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं उपखंड में स्थित झर्रिया महादेव का झरना पूरी तरह से भर गया है। अब यह स्थान स्थानीय पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। एनएच-27 के भेरूघाटी क्षेत्र के पास स्थित इस धार्मिक स्थल पर भोलेनाथ के दर्शन और झरने की खूबसूरती देखने भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
मौसम विभाग की अपील और सुझावमौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास जाने से बचें, और अनावश्यक यात्रा से परहेज करें। साथ ही, प्रशासन को सतर्कता बरतने और राहत कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान में मानसून ने राहत और आफत दोनों साथ लेकर आई है। जहां एक ओर खेतों में हरियाली लौट रही है, वहीं शहरों में जलभराव और नदियों का उफान चिंता का विषय बन गया है। अगले कुछ दिन सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
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