इंटरनेट डेस्क। भारत पर 50 प्रतिशत ट्रैरिफ लगाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाया है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने अब भारतीय समेत अनेक देशों के प्रवासियों के निर्वासन की नई तरकीब निकाली है। खबरों के अनसार, अब अमेरिकी आव्रजन प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से छात्र वीजा या एच-1B वीजा पर गए प्रवासियों के अनधिकृत रोजगार के मामलों की पहचान की जा रही है। इसके लिए आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस ) के रिकॉर्ड खंगाल रही है।
इसके तहत अब उन लोगों को अमेरिका से निर्वासन का सामना करना पड़ेगा, जोएच-1B वीजा पर गए हैं, लेकिन एक नियोक्ता के अलावा दूसरे स्रोत से भी कमाई कर रहे हैं या जो छात्र वीजा पर गए हैं लेकिन पढ़ने के अलावा पार्ट टाइम करके कमाई कर रहे हैं और इस अतिरिक्त कमाई की जानकारी अगर राजस्व विभाग को नहीं दी है। इन लोगों के वीजा का विस्तार नहीं किया जा सकता है और उन्हें अमेरिका में एंट्री देने से इनकार किया जा सकता है।
इमिग्रेशन मामलों के अमेरिकी वकील जथ शाओ ने कही ये बात
इमिग्रेशन मामलों के अमेरिकी वकील जथ शाओ ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि आंतरिक राजस्व सेवा ने आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग के साथ सभी प्रवासियों के डेटा साझा किए हैं। कई प्रवासियों पर अनधिकृत काम किए जाने का आरोप लगाया गया है। ऐसा कर इन प्रवासियों ने टैक्स चोरी की है। आपको बता दें कि अमेरिकी ट्रैरिफ के कारण भारत की चीन और रूस के साथ नजदीकी बढ़ती जा रही है। ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी रास नहीं आ रही है।
PC:edition cnn
अपडेट खबरों के लिए हमारावॉट्सएप चैनलफोलो करें
You may also like
गणेश विसर्जन हिंसा के बाद तनाव : कर्नाटक के मांड्या में 'बंद' का असर, भाजपा-जेडीएस प्रदर्शन में शामिल
नेपाल ही नहीं, इन देशों में भी प्रदर्शनकारियों ने मचाया था संसद में उत्पात
मेक्सिको में मालगाड़ी और डबल डेकर बस में टक्कर, 10 लोगों की मौत, 41 घायल
हर 26 सेकेंड में थर-थर कांप रही अपनी पृथ्वी, अब तक जवाब नहीं खोज पाए वैज्ञानिक!
लाखों कमाने का सरकारी फॉर्मूला: रोज़ 70 रुपये बचाएं और 15 साल में 7 लाख पाएं