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20,000 नौकरियां पैदा होने की संभावना, यहां जानिए EV Policy 2.0 को लेकर दिल्ली सरकार का क्या है प्लान?

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दिल्ली सरकार अब अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के दूसरे चरण यानी ईवी पॉलिसी 2.0 को पेश करने की तैयारी कर रही है। इस नीति को राजधानी में स्वच्छ और हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार दिल्ली ईवी नीति न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी, बल्कि रोजगार सृजन, ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और प्रदूषण को कम करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।

ईवी क्षेत्र में 20,000 नई नौकरियां पैदा होंगी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार, इस नई नीति के जरिए राजधानी में ईवी सेक्टर से जुड़े करीब 20,000 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ये नौकरियां चार्जिंग स्टेशन चलाने से लेकर बैटरियों के पुनर्चक्रण तक कई अलग-अलग क्षेत्रों में होंगी। सरकार का लक्ष्य न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से प्रदूषण कम करना है, बल्कि लोगों को रोजगार के नए विकल्प भी उपलब्ध कराना है।

कौशल विकास केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे

मसौदा नीति के अनुसार, राजधानी में कौशल विकास केंद्र भी खोले जाएंगे, जो शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की मरम्मत, संचालन और तकनीकी रखरखाव के लिए प्रशिक्षित कार्मिक तैयार करना होगा। ताकि जैसे-जैसे ईवी बाजार बढ़ता है, ट्रेंड स्टाफ की कोई कमी न हो।

2027 तक 95% नए वाहन इलेक्ट्रिक होंगे

नई ईवी नीति का सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि 2027 तक दिल्ली में पंजीकृत सभी नए वाहनों में से 95 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हों। इसमें दोपहिया वाहन, ऑटो, डिलीवरी वाहन और बसें, सब कुछ शामिल हैं। इस परिवर्तन को सुगम बनाने के लिए सरकार राजधानी में चार्जिंग पॉइंट और बैटरी-स्वैपिंग स्टेशनों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित करने जा रही है। यह कार्य 2030 तक पूरा करने की योजना है, ताकि हर प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग पॉइंट तक आसानी से पहुंच मिल सके।

पेट्रोल और सीएनजी वाहनों पर सख्ती
  • नई नीति में जीवाश्म ईंधन वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की समयसीमा भी निर्धारित की गई है:
  • 15 अगस्त 2025 से नए सीएनजी वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।
  • 10 वर्ष से अधिक पुराने सीएनजी वाहनों को बैटरी चालित वाहनों में परिवर्तित करना होगा।
  • माल ढोने वाले सीएनजी तिपहिया वाहनों का पंजीकरण भी 2025 के मध्य से बंद हो जाएगा।
  • और सबसे बड़ा कदम अगस्त 2026 में होगा, जब पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों का पंजीकरण पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
नीति कार्यान्वयन की तैयारी और वित्तपोषण

कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी करके ईवी नीति 2.0 को आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। इस पूरी योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सरकार "दिल्ली क्लीन मोबिलिटी सेंटर" नाम से एक अलग संगठन बनाएगी, जो इस नीति के सभी पहलुओं का प्रबंधन करेगा। इस नीति के लिए वित्तपोषण की भी सावधानीपूर्वक व्यवस्था की गई है। इसके लिए सरकार गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाए गए शुल्क और वायु परिवेश निधि का उपयोग करेगी, जो दिल्ली के राज्य ईवी फंड में जाएगी।

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