उत्तर प्रदेश के आगरा में उस समय हड़कंप मच गया जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह (40) लापता हो गए। लापता होने से पहले उन्होंने एक पत्र लिखकर बैंक में हो रहे मानसिक उत्पीड़न, गालियों और अपमान का दर्द बयां किया था। सुरेंद्र पाल सिंह यह पत्र अपने भतीजे के हाथों में छोड़ गए थे। जाते समय उन्होंने अपने भतीजे से कहा था कि - 'मैं दवा लेने जा रहा हूँ...' फ़िलहाल, सुरेंद्र पाल सिंह के परिवार ने आज पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से मुलाकात की और उन्हें अपना दर्द बताया।
पत्र में क्या लिखा था?
18 अगस्त को लिखे इस पत्र में सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा - "अब मैं और गालियाँ और अभद्र भाषा नहीं सुन सकता। मैं रोज़-रोज़ के अपमान से बहुत थक गया हूँ।" इस पत्र में उन्होंने एजीएम (महाप्रबंधक) विक्रम कुमार धेजा पर कर्मचारियों और ग्राहकों के सामने उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया। पाल ने आगे लिखा कि उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें ट्रांसफर की धमकी दी जा रही है और वे पहले से ही गंभीर बीमारियों (हाइपरटेंशन, एंग्जायटी, सर्वाइकल और स्लिप डिस्क) से ग्रस्त हैं। यहां तक कि वेतन रोकने और ब्रांच में उनकी पोस्टिंग पर सवाल उठाने जैसी बातों का भी पत्र में जिक्र है। पत्र के अंत में उन्होंने लिखा- "अब मेरी मानसिकता हार मान चुकी है। मुझे नहीं पता कि मैं आगे क्या करूंगा।
अगर कुछ हुआ तो एजीएम विक्रम कुमार धेजा जिम्मेदार होंगे।" परिजनों का आरोप परिजनों का कहना है कि दो दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। सुरेंद्र से जुड़ा एक मामला फिर से थाने में दर्ज कराया गया है। इस मामले में परिजनों ने गुरुवार को पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार से भी मुलाकात की और दीपक कुमार को अपनी आपबीती बताई। परिवार ने सोशल मीडिया पर भी गुहार लगाई है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने फोन पर मौखिक रूप से बताया कि इस संबंध में थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की कार्यवाही चल रही है।
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