उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पंडित गोविंद बल्लभ पंत के 8 साल 127 दिनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए अब तक 8 साल 132 दिन का सफल और निरंतर नेतृत्व पूरा कर लिया है। यह महज एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक ऐसे युग की पहचान है जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक दिशा बदल दी। योगी आदित्यनाथ ने कार्यकाल में बिना किसी रुकावट या अस्थिरता के लगातार शासन करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है, जो अपने आप में एक अनूठी मिसाल है।
गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड टूटा
उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने दशकों तक यह रिकॉर्ड अपने नाम रखा था। वह 26 जनवरी 1950 से 27 दिसंबर 1954 तक और फिर 1954 से 1955 तक मुख्यमंत्री रहे। उनका कुल कार्यकाल 8 साल 127 दिनों का रहा। अब योगी आदित्यनाथ ने इस आंकड़े को पार कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
एनडी तिवारी का 37 साल पुराना रिकॉर्ड भी पीछे छूटा
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, जिन्हें कभी उत्तर प्रदेश के सबसे अनुभवी और मंझे हुए नेता माना जाता था, ने 37 साल पहले एक लंबा कार्यकाल पूरा किया था। वे राज्य के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री थे जो तीन बार इस पद पर पहुँचे। लेकिन कार्यकाल की निरंतरता और स्थिरता के मामले में योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भी पीछे छोड़ दिया है।
मुलायम, मायावती और अखिलेश भी पीछे छूटे
योगी आदित्यनाथ ने न केवल स्वतंत्र भारत के शुरुआती मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ा है, बल्कि आधुनिक समय के प्रमुख चेहरों जैसे:
मुलायम सिंह यादव (तीन बार मुख्यमंत्री)
मायावती (चार बार मुख्यमंत्री)
अखिलेश यादव (एक पूर्ण कार्यकाल)
ये सभी नेता गठबंधन की राजनीति या आंतरिक अस्थिरता के कारण लगातार दो कार्यकाल पूरे नहीं कर पाए।
लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का दुर्लभ रिकॉर्ड
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने लगातार दो बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई और लगातार शासन करते हुए आठ साल से ज़्यादा का कार्यकाल पूरा किया। उनकी यह उपलब्धि इसलिए भी ख़ास है क्योंकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सत्ता परिवर्तन बहुत आम बात रही है। 1989 के बाद से कोई भी मुख्यमंत्री लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़कर साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्थिरता और सुशासन भी संभव है।
ध्वजारोहण में भी नया रिकॉर्ड बनाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार आठवीं बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करके एक और नया रिकॉर्ड बनाया है। अब तक उत्तर प्रदेश में कोई भी मुख्यमंत्री लगातार इतनी बार ध्वजारोहण नहीं कर पाया है। यह प्रतीकात्मक उपलब्धि उनकी स्थिरता, नेतृत्व क्षमता और जनता के विश्वास को भी दर्शाती है।
योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व: उत्तर प्रदेश में क्या बदला
मार्च 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उस समय उत्तर प्रदेश में:
अपराध दर बहुत ज़्यादा थी,
भ्रष्टाचार चरम पर था,
बिजली और बुनियादी सुविधाओं का संकट आम बात थी।
लेकिन उन्होंने कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया और 'गुंडा राज' और 'माफिया राज' के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। यूपी के बुलडोजर मॉडल की चर्चा पूरे देश में हुई। अपराधियों की संपत्तियां जब्त की गईं और सैकड़ों इनामी माफियाओं को जेल भेजा गया। साथ ही, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा सुविधाओं, डिजिटल गवर्नेंस, महिला सुरक्षा और धार्मिक पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व काम हुआ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और मथुरा-वृंदावन में विकास कार्य योगी युग की सबसे बड़ी पहचान बन गए हैं।
राजनीतिक स्थिरता और संगठनात्मक समर्थन
योगी आदित्यनाथ को यह दीर्घकालिक नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण बहुमत, केंद्र सरकार के समर्थन और संगठनात्मक मजबूती** से भी मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उन्होंने राज्य में विकास और सुरक्षा को प्राथमिकता दी। भाजपा का संगठनात्मक आधार इतना मजबूत हुआ कि 2022 के चुनाव में उसे लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत मिला, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में कम ही देखने को मिलता है।
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