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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मूसलाधार बारिश का कहर, नेशनल हाईवे बहा, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा

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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में बीते 12 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं, बिलासपुर-पेंड्रा-गौरेला को मध्यप्रदेश के जबलपुर, डिंडोरी और अमरकंटक से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे कई स्थानों पर बह गया है, जिससे इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।

हाईवे बहा, मार्ग बंद

लगातार बारिश की वजह से जगह-जगह सड़कों पर जलभराव और कटाव देखने को मिल रहा है। नेशनल हाईवे का कई हिस्सों में बह जाना न केवल आवागमन में बाधा बन गया है, बल्कि यह स्थिति प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती भी बन गई है। वाहनों की आवाजाही रुकने से सैकड़ों लोग रास्ते में फंसे हुए हैं।

कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा

बारिश से सबसे अधिक असर गांवों और आदिवासी इलाकों में देखने को मिला है, जहां से अब दूर-दराज के गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
कई गांवों में बिजली और संचार व्यवस्था भी ठप हो गई है, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है।

प्रशासन अलर्ट, SDRF को किया गया अलर्ट

स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। संवेदनशील इलाकों में एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों को तैनात किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें और नदी-नालों की ओर न जाएं।

फसलें बर्बाद, ग्रामीणों की चिंता बढ़ी

भारी बारिश से जहां एक ओर जनजीवन पर असर पड़ा है, वहीं दूसरी ओर खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। खासकर धान, मक्का और सब्जी की फसलें बर्बादी की कगार पर हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है।

प्रशासन से राहत कार्य तेज करने की मांग

स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए, और ग्रामीणों तक राशन, पीने का पानी और जरूरी सामग्री तुरंत पहुंचाई जाए। साथ ही नेशनल हाईवे की मरम्मत जल्द से जल्द करवाई जाए, ताकि आवागमन बहाल हो सके।

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