बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने अभी तक मतदान की तारीखों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां जोरों पर हैं। इस बीच एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा (आर) के प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर राजनीतिक गलियारों में नई जान फूंक दी है। राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाडले बेटे एनडीए के सहयोगियों को खत्म करने के लिए क्यों तैयार हैं। यह दूसरी बार है जब उन्होंने ऐसा बयान दिया है। हालांकि, एक हफ्ते पहले भी उन्होंने कहा था कि बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे। फिर अचानक उन्होंने अपना रुख क्यों बदल लिया?
सिर्फ एक हफ्ते में ही चिराग ने अपना रुख क्यों बदल लिया?
बिहार के हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने एक महीने पहले बिहार में अपनी नवसंकल्प महासभा में ऐलान किया था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और लोजपा (आर) सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उन्होंने कहा था कि वे बिहार की जनता के लिए चुनाव लड़ेंगे। उस सभा में उन्होंने घोषणा की थी कि वे बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के लिए चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, इसके बाद उन्होंने इसे नहीं दोहराया। 6 जुलाई को छपरा में एक जनसभा में उन्होंने इसे दोहराया।
चिराग पासवान अपना रुख क्यों बदल रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषक ओपी अशोक के अनुसार, बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान लगातार अपना रुख बदल रहे हैं। इससे संदेह पैदा हो रहा है कि अंदरखाने कुछ गड़बड़ है। लेकिन यह समस्या भाजपा को लेकर है या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। पिछले हफ्ते ही चिराग ने कहा था कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन उनके सुर फिर बदल गए हैं।
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