राजस्थान के करौली जिले की सेवर जेल में बंद एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद जिले में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। अदालत ने मृतक युवक को पोक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया। जेल प्रशासन का कहना है कि युवक ने बैरक में फांसी लगाकर आत्महत्या की है, लेकिन परिजनों ने इसे संदिग्ध मानते हुए जिला विशेष टीम (डीएसटी) और जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मुआवजे के लिए राजमार्ग अवरुद्ध
घटना से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने करौली-सरमथुरा मार्ग पर एनएच-23 पर कोंडर मोड़ पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। करीब आठ घंटे तक चले इस प्रदर्शन के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों को निलंबित करने, 50 लाख रुपये का मुआवजा, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और अन्य राहत की मांग की।
पूर्व मंत्री और विधायक भी शामिल हुए।
इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व मंत्री रमेश चंद मीना, पूर्व विधायक लाखन सिंह मीना सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। उधर, प्रशासन की ओर से एडीएम हेमराज परिडवाल, एसडीएम प्रेमराज मीना, तहसीलदार महेंद्र सिंह गुर्जर, एएसपी गुमना राम जाट व डिप्टी अनुज शुभम के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
नियमों के अनुसार मुआवजे पर सहमति बनाएं।
करीब सात घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने कलेक्टर और एसपी से बातचीत की। इस बैठक के बाद प्रशासन ने परिवार को नियमानुसार मुआवजा, उच्चस्तरीय जांच और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद धरना वापस ले लिया गया और यातायात बहाल हो गया। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी हुई है।
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