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Nvidia बनी दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी, AI चिप्स की जबरदस्त मांग ने बदल दिया खेल

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टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बार फिर बड़ा इतिहास रचा गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप्स बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Nvidia Corp. ने Microsoft और Apple जैसी दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी (Most Valuable Company) का खिताब अपने नाम कर लिया है। मंगलवार को कंपनी का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) बढ़कर 3.45 ट्रिलियन डॉलर हो गया, जो Microsoft के 3.44 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट वैल्यू से अधिक है।

शेयरों में जबरदस्त उछाल

पिछले एक महीने में Nvidia के शेयरों में 24% तक की तेजी देखी गई है। खास बात यह है कि यह बढ़त सिर्फ शेयर बाजार की चाल नहीं है, बल्कि इसके पीछे कंपनी की ठोस रणनीति, जबरदस्त मांग और शानदार कमाई छुपी हुई है। यह पहली बार नहीं है जब Nvidia ने नंबर 1 का ताज पहना हो — जनवरी 2024 में भी कंपनी कुछ समय के लिए टॉप पर थी, लेकिन अब उसने मजबूती के साथ फिर से यह मुकाम हासिल कर लिया है।

AI चिप्स की बेजोड़ मांग

Nvidia की इस अभूतपूर्व सफलता का सबसे बड़ा कारण है उसके AI चिप्स की वैश्विक मांग में तेजी। OpenAI, Google, Meta और Amazon जैसी कंपनियों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के लिए Nvidia की GPU (Graphics Processing Unit) चिप्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। यह चिप्स डेटा प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक हैं, जो एआई मॉडल को तेज और कुशल बनाते हैं।

तिमाही नतीजों ने बढ़ाया भरोसा

हाल ही में घोषित तिमाही परिणामों में Nvidia ने कुल 44.06 बिलियन डॉलर की आय दर्ज की, जो पिछले साल की तुलना में 69% अधिक है। इसके अलावा प्रति शेयर आय (EPS) भी $0.96 रही, जो वॉल स्ट्रीट के अनुमान से बेहतर थी। इससे निवेशकों का कंपनी पर भरोसा और मजबूत हुआ।

मार्केट कैप में 1 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा

पिछले दो महीनों में Nvidia के शेयरों में आई भारी तेजी के कारण कंपनी की मार्केट वैल्यू में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। यह वृद्धि मुख्यतः AI खर्च के बढ़ते अनुमानों और कंपनी की नई Blackwell चिप्स की सफल आपूर्ति क्षमता के कारण संभव हुई। इस रिपोर्ट ने निवेशकों की उन चिंताओं को भी दूर किया जो अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए एक्सपोर्ट प्रतिबंधों को लेकर थीं।

विशेषज्ञों की राय: निवेश का सही समय

Glovalt Investments के वरिष्ठ पोर्टफोलियो मैनेजर थॉमस मार्टिन के अनुसार, “Nvidia को लेकर जो सवाल थे, वो अब सकारात्मक रूप से हल हो चुके हैं। अब यह कंपनी निवेशकों के लिए फिर से एक आकर्षक विकल्प बन गई है।” वर्तमान में Nvidia के शेयर आगामी 12 महीनों के अनुमानित मुनाफे के 29 गुना पर कारोबार कर रहे हैं, जो उसके पिछले एक दशक के औसत (34 गुना) से कम है।

Nasdaq से भी आगे प्रदर्शन की उम्मीद

Nvidia का प्रदर्शन Nasdaq 100 इंडेक्स की तुलना में कहीं बेहतर दिख रहा है। Nasdaq का अनुमानित PE रेशियो 26 गुना है, लेकिन Nvidia के साथ तुलना करें तो उसकी आय ग्रोथ आने वाले वर्षों में काफी अधिक रहने की उम्मीद है। यही कारण है कि बड़े निवेशक Nvidia को अपने पोर्टफोलियो में प्राथमिकता देने लगे हैं।

जोखिम की संभावना अभी भी बनी

हालांकि, Nvidia के लिए कुछ जोखिम भी हैं। कंपनी की कुल आय का 13% हिस्सा चीन से आता है और यदि अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वार्ता और तकनीकी एक्सपोर्ट पॉलिसी और अधिक कठोर हो जाती है, तो इससे कंपनी की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। फिर भी, अमेरिका की हालिया मध्यपूर्व रणनीतियों और व्यापार समझौतों ने इन खतरों को फिलहाल थोड़ा कम कर दिया है।

AI में निवेश का नया युग

Microsoft, Meta, Alphabet और Amazon जैसी टेक कंपनियां — जो कि खुद भी Nvidia के बड़े ग्राहक हैं — AI इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इन कंपनियों का संयुक्त कैपिटल खर्च 2026 तक 330 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 2025 की तुलना में 6% अधिक होगा। इसका सीधा लाभ Nvidia जैसी AI चिप कंपनियों को ही मिलेगा।

निष्कर्ष

Nvidia का दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनी बनना यह साबित करता है कि भविष्य की दिशा AI है, और इस क्रांति के केंद्र में Nvidia खड़ी है। तकनीकी नवाचार, रणनीतिक आपूर्ति, और ग्लोबल मांग की बदौलत Nvidia अब सिर्फ एक चिप निर्माता नहीं, बल्कि डिजिटल युग की एक मुख्य आधारशिला बन चुकी है।

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