छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में मानसून की बारिश ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। चित्रकोट मार्ग पर बिनाका मॉल के सामने स्थित गायत्री नगर की कॉलोनियों में सैकड़ों मकानों के भीतर बारिश का पानी घुस गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
पांच साल पहले बना था बड़ा नाला, फिर भी नहीं मिला समाधानस्थानीय लोगों के अनुसार, करीब पांच साल पहले नगर निगम ने इस क्षेत्र में बड़े नाले का निर्माण करवाया था। साथ ही नाले पर एक पुलिया भी बनाई गई थी, ताकि बारिश का पानी आसानी से निकल सके और जलभराव की समस्या न हो। लेकिन इसके बावजूद हर साल मानसून में यही हालात दोहराए जा रहे हैं।
स्थानीय निवासी राजेश शर्मा बताते हैं:
नाले का निर्माण गलत दिशा में हुआ"सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके नाला बनवाया, लेकिन प्लानिंग इतनी खराब है कि बारिश के समय पानी घरों में भर जाता है। अब तो हालात यह हो गए हैं कि एक रात की बारिश में ही हमारी फर्श तक पानी से भर गई है।"
जानकारों और स्थानीय अभियंताओं के अनुसार, नाले का निर्माण पानी की स्वाभाविक दिशा (natural slope) के विपरीत कर दिया गया है। ऐसे में बारिश के समय जब भारी मात्रा में पानी आता है, तो वह नाले में समाने की बजाय आसपास की बस्तियों में घुस जाता है।
स्थानीय पार्षद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
लोगों को भारी नुकसान"यह पूरी तरह से इंजीनियरिंग की गलती है। नाले का निर्माण उचित अध्ययन और सर्वेक्षण के बिना कर दिया गया। अब जनता भुगत रही है।"
गायत्री नगर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को घरों में घुसे पानी से घरेलू सामान, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर पानी अब भी जमा है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
प्रशासन से मांग: हो पुनः सर्वेक्षण और सुधारस्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से इस नाले का पुनः सर्वेक्षण कराने और सही स्थान पर जल निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही जलभराव वाले इलाकों की जल्द से जल्द सफाई और मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है
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